Rajsamand News: पुलिस लूट, चोरी, हत्या, रेप जैसे गंभीर अपराधों में वांछित अपराधियों को पकड़ने के लिए कई हथकंडे अपनाती है, लेकिन राजस्थान पुलिस ने ऐसा हथकंडा अपनाया की दो महीने में एक हजार अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. कभी पुलिस ने जादू-टोना किया तो कभी नारियल पानी बेचा, यहां तक कि पुलिसकर्मी भैंस के खरीदार तक बन गए. नतीजा यह निकला कि 10 साल से फरार अपराधियों को दबोच लिया गया.


बनाई गईं पुलिस की कई टीमें
पुलिस अधीक्षक ने राजसमंद जिले के 15 ही थाना प्रभारियों के नेतृत्व में विशेष टीमों का गठन किया था. थानाधिकारियों के नेतृत्व में 15 टीमें देशभर में वांछित अपराधियों की तलाश गिरफ्तारी के लिए भेजी गई थी. महज 2 महीन में पुलिस ने कुल एक हजार दो वांछित अपराधियों (107 स्थाई वारंटी, एक भगोड़ा, 890 गिरफ्तारी वारंट, 14 जिला स्तर पर चयनित टॉप-10 के ईनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया.


तांत्रिक बन आरोपी को पकड़ा 
मेवादा कॉलोनी कपासन निवासी भगोड़ा अर्जुन उर्फ अर्जुनिया 2007 में न्यायालय से स्थाई वारंटी था. जिले के रेलमगरा थानाधिकारी भरत योगी के निर्देशन में टीम पकड़ने के लिए उसके घर गई. घर पर परिजनों ने अर्जुन के बारे में पूछताछ करने पर अनभिज्ञता जताई. टीम ने तांत्रिक बनकर अर्जुन के करीबी को जमीन में दबा धन दिलवाने कर बात कही. जिस पर करीबी मान गया और अर्जुन को बुलाया लेकिन दो दिन नहीं आया लेकिन फिर चोरी छुपे उसे मौके पर बुलाया. जैसे ही अर्जुन आया तो उसे दबोच लिया. 


भैंस खरीदाबर बनी पुलिस
वहीं इसी तरह गोवा में छुपे बदमाश को पकड़ने के लिए पुलिस ने नारियल पानी बेचा. साथ ही अन्य को दबोचने के लिए भैंस कारोबारी भी बने. राजससंद एसपी ने बताया कि लगातार अभियान चलाकर अपराधियों की धरपकड़ की है. इसी प्रकार से आगे भी बदमाशों की गिरफ्तारियां की जाएगी ताकि अपराधों पर लगाम लग सके.


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