Rajasthan News Today: राजस्थान प्रतिभा से भरपूर स्टूडेंट्स की खान है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दूसरे राज्यों के मुकाबले बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम में स्टूडेंट्स शामिल होते हैं. यही वजह है कि राजस्थान के स्टूडेंट्स को अन्य राज्यों के मुकाबले अधिक प्रतिभावान माना जाता है. 


यह बात एक बार फिर सिद्ध हो गई है. हाल ही में ज्वाइंट सीट अलोकेशन अथॉरिटी (जोसा) काउंसलिंग के पांच राउंड खत्म होने के बाद एनआईटी में प्रवेश के लिए आल इंडिया (अदर स्टेट) कोटे और स्टेट कोटे की कट ऑफ जारी की गई. देश के दूसरे राज्यों की तुलना में राजस्थान में इन दोनों कट ऑफ में सबसे कम अंतर है. 


स्टेट कोटा कट ऑफ कितना है अंतर?
राजस्थान में ऑल इंडिया और स्टेट कोटा में होने वाले प्रवेश की कट ऑफ में अंतर 500 से 1000 ऑल इंडिया रैंक का होता है, दूसरी तरफ देश के अन्य राज्यों की स्थिति पर नजर डालें तो यह अंतर 10 हजार से लेकर कई लाख तक हो सकता है.


जैसे कि एनआईटी मिजोरम में कम्प्यूटर साइंस में स्टेट कोटे से 7 लाख 12 हजार 487 रैंक के स्टूडेंट को एडमिशन मिला, जबकि ऑल इंडिया कोटे में 33 हजार 181 ऑल इंडिया रैंक वाले स्टूडेंट को एडमिशन मिला है.


अब राजस्थान में एमएनआईटी जयपुर में स्टेट कोटे से कम्प्यूटर साइंस में 5435 रैंक को एडमिशन मिला, इसके मुकाबले अदर स्टेट कोटे की कट ऑफ रैंक 4 हजार 711 रहा है. राजस्थान में यह अंतर 724 रैंक का है, जबकि मिजोरम में यह अंतर 6 लाख 76 हजार 306 रैंक का है. 


NIT के 24 हजार सीटों पर एडमिशन
जेईई मेंस के माध्यम से देश के 32 एनआईटी के 24 हजार 219 सीटों पर प्रवेश दिया गया. उल्लेखनीय है कि इस साल जेईई मेंस के माध्यम से देश के 32 एनआईटी के 24 हजार 219 सीटों पर प्रवेश दिया जा रहा है.


पिछले साल के मुकाबले इस बार सबसे ज्यादा 14 लाख 15 हजार 110 स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए. इसी तरह एनआईटी और ट्रिपलआईटी के जॉइंट काउंसलिंग जोसा में 2 लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने भाग लिया है.


एनआईटी में एडमिशन कोटा
एनआईटी में होम स्टेट और ऑल इंडिया कोटे के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है. राज्यों के जरिये अपनी- अपनी एनआईटी में 50 फीसदी सीटें आल इंडिया कोटे के स्टूडेंट्स को प्रवेश के लिए आरक्षित रखी जाती है. 


इसके अलावा बाकी बची 50 सीटों पर होम स्टेट कोटे में अप्लाई करने वाले स्टूडेंट्स को प्रवेश दिया जाता है. यह वो स्टूडेंट होते हैं जो संबंधित राज्य से ही 12वीं की परीक्षा में शामिल होते हैं या वहीं से उत्तीर्ण करते हैं. 


एक्स्पर्ट ने क्या कहा?
कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि एनआईटी जयपुर सभी 32 एनआईटी में एक मात्र ऐसा संस्थान है, जहां होम स्टेट कोटा और ऑल इंडिया कोटे के किसी भी ब्रांच में एडमिशन रैंक में अंतर सबसे कम रहता है. इसकी बड़ी वजह राजस्थान से 12वीं परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स की संख्या अन्य राज्यों से ज्यादा होना है. 


अमित आहूजा ने बताया कि ये स्टूडेंट प्रतिभावान भी होते हैं, ऐसे में स्टेट कोटे से ब्रांच मिलने में कंपटीशन बहुत बढ़ जाती है. एक कारण यह भी है कि देशभर से स्टूडेंट्स मेडिकल और इंजीनियरिंग में कॅरियर बनाने के लिए राजस्थान आते हैं. उन्होंने कहा कि इसमें विशेष रूप से वे कोटा में आते हैं, यहां से ही बोर्ड परीक्षाएं देते हैं. ऐसे में अच्छे विद्यार्थियों के बीच कंपटीशन बढ़ जाता है.


इन राज्यों में कंपटीशन है कम
कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा के मुताबिक, एनआईटी जयपुर में एडमिशन होम स्टेट कोटे से मिलना दूसरे एनआईटी के मुकाबले ज्यादा मुश्किल हो जाता है. इसके उलट कई स्टेट ऐसे हैं, जहां 12वीं के आधार पर होम स्टेट कोटे में एडमिशन बहुत आसानी से हो जाता है.


आहूजा ने बताया कि इनमें नार्थ ईस्ट के स्टेट जैसे मिजोरम, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, सिक्किम साथ ही आंध्रा, अरुणांचल, अगरतला, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, पुडुचेरी, आसाम जैसे राज्य में होम स्टेट कोटे में एडमिशन मिलना आसान है, क्योंकि यहां 12वीं पास करने वाले अच्छे स्टूडेंट्स की संख्या कम है. जिससे कम रैंक वाले स्टूडेंट्स को भी कंपटीशन कम होने के कारण एडमिशन मिल जाता है.


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