Rajasthan Schools Fee Hike: राजस्थान में 3 साल तक नहीं बढ़ेगी बच्चों की फीस, जानें- प्राइवेट स्कूलों की नई गाइडलाइन?
Rajasthan Schools Fee Hike News: राजस्थान माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने बताया कि स्कूल स्तरीय फीस कमेटी की ओर से अनुमोदित फीस के अतिरिक्त फीस लेना अवैध है. ऐसा करने पर फीस लौटानी होगी.
Rajasthan Schools Fee Hike Latest News: राजस्थान में प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी पर सराकर ने रोक लगा दी है. प्राइवेट स्कूलों में फीस को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने बताया कि प्राइवेट स्कूलों में राजस्थान स्कूल (फीस विनियमन) अधिनियम 2016 और 2017 की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
आशीष मोदी ने कहा कि स्कूल स्तर पर पैरेंट-टीचर समागम (PTA) और स्कूल स्तरीय फीस कमेटी (SLFC) गठन की सूचना सदस्यों के नाम, पता और मोबाइल नंबर की जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही स्कूल स्तरीय फीस कमेटी द्वारा अनुमोदित फीस को पीएसपी पोर्टल पर सालाना और मासिक मद में पीडीएफ बनाकर अपडेट करना अनिवार्य है. बता दें शिक्षा मंत्री लगातार एक्शन मोड में दिख रहे हैं, उनकी कई बातें ऐसी हैं, जिसे लेकर खूब चर्चा हो रही है.
क्या है गाइडलाइन?
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने कहा कि आदेशानुसार स्कूल स्तरीय फीस कमेटी की ओर से अनुमोदित फीस के अतिरिक्त फीस लेना अवैध है. ऐसा करने पर फीस एक्ट के तहत स्टूडेंट्स को फीस लौटानी होगी. फीस कमेटी की ओर से निर्धारित फीस तीन शैक्षणिक सत्रों के लिए मान्य होगी. प्राइवेट स्कूल जहां माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, सीबीएसई, सीआईएससीई, सीएआईई जैसे से मान्यता प्राप्त है. उनके नियमों और उप नियमों की पालना करते हुए शैक्षणिक सत्र के लिए किताबों का चयन करना होगा.
आशीष मोदी ने बताया कि इसके अलावा लेखक का नाम, किताब की कीमत के साथ शैक्षणिक सत्र शुरू होने से एक महीने पहले ही स्कूल के नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य है, ताकि पैरेंट्स उन्हें बाजार से भी खरीद सके. वहीं प्राइवेट स्कूलों में पाठ्य सामग्री, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म, जूते, टाई, बेल्ट जैसे सामान की बिक्री के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन की शत प्रतिशत पालना होनी चाहिए.
साथ ही आशीष मोदी ने कहा कि स्टूडेंट्स पर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना की शिकायतों की त्वरित सुनवाई के साथ ही दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्यवाही होनी चाहिए. प्राइवेट स्कूलों में पेरेंट्स टीचर मीटिंग का आयोजन किया जाए. इसमें स्टूडेंट से जुड़ी समस्याओं के साथ स्कूल मैनेजमेंट संबंधी समस्याओं पर भी चर्चा हो, इसकी जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध करना अनिवार्य होगा.