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Rajasthan News: अब राजस्थान में भी होगी जम्मू कश्मीर के 'समर एपल' की खेती, बढ़ेगी किसानों की आय
Rajasthan News: जम्मू कश्मीर में उगने वाले 'समर एपल' की खेती अब राजस्थान में भी संभव होगी. इस नवाचार से पारंपरिक खेती कर रहे किसानों के लिए नया विकल्प खुलेगा और उसकी आमदनी बढ़ेगी.
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Rajasthan News: देश में किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. किसानों की आमदनी जल्द बड़े उसको लेकर राज्य सरकार व केंद्र सरकार के विभाग काजरी व कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं. इसमें पश्चिमी राजस्थान के शुष्क जलवायु, रेतीले व पथरीले क्षेत्र में कई ऐसे प्रयोग किए गए हैं जो कि सार्थक रहे, जैसे अनार, खजूर, अंजीर, ताइवान का पपीता और ड्रैगन फ्रूट सहित कई तरह की फसल किसानों की आमदनी बढ़ाने में कामयाबी भी रही है.
जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बी.आर चौधरी, डॉ. मनमोहन सुंदरिया व डॉक्टर मोतीलाल मोरिया की टीम ने इस बार खास नवाचार व प्रगतिशील किसानों के प्रयासों से पश्चिमी राजस्थान में जम्मू-कश्मीर की 'समर एपल' नाम से मशहूर सेव की किस्म एचआरएमएन-99 पैदा होगी. जम्मू में अधिकतम तापमान 45 से 47 डिग्री के दौरान ये पौधे वहां पर पनपते हैं, इसी आधार पर पश्चिमी राजस्थान के तापमान के बराबर होने पर इस जगह पर भी इसकी पैदावार होगी.
कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक जम्मू से 'समर एप्पल' किस्म का अध्ययन व सफल परिणाम देखने के बाद करीब 1000 पौधे लेकर जोधपुर आए हैं. 6 जिले में इस किस्म की सेव की पैदावार होगी. इस किस्म का पौधा पश्चिमी राजस्थान में नवाचार के रूप में लगभग 10 हेक्टर में 4 गुना 3 मीटर की दूरी में लगाया गया है. इसकी खेती कृषि विश्वविद्यालय के अधीन क्षेत्र बाड़मेर, पाली, जालौर और सिरोही आदि क्षेत्र में की जाएगी.
अगले वर्ष मई-जून में फल का उत्पादन शुरू होगा. सामान्य पानी में बढ़ने वाले पौधे के औषधि में प्रतिशतता एक बार तथा गर्मी में दो बार पानी की जरूरत रहती है, साथ ही यह खुद लगभग 44 से 45 डिग्री सेल्सियस तक तापमान सहन करने की क्षमता रखता है. पहले वर्ष प्रतिपदा 7 से 8 किलो तथा बड़े होने पर अधिकतम 40 से 50 किलो पैदावार देता है. कृषि विश्वविद्यालय की ओर लगाए गए नए किस्म के पौधे में कोपलें निकल आई है और समय अनुसार अच्छी तरह पनपेंगे.
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