अलवर: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार द्वारा पिछले महीने गायों को पालने के लिए लाइसेंस लेने के फरमान निकाले गए थे लेकिन विपक्ष द्वारा लगातार सरकार को घेरे जाने के बाद अब गहलोत सरकार बैकफुट पर आ गयी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में स्पष्ट कर दिया अब राजस्थान में गाय रखने के लिए लाइसेंस का नियम लागू नही होगा. 


राजस्थान के 213 शहरों में नया नियम लागू किया गया था
बता दें कि पिछले दिनों गहलोत सरकार ने गाय व भैसों के पालन के लिए राजस्थान के 213 शहरों में नया नियम लागू किया था जिसके तहत  एक ही गाय या भैंस पाली जा सकती थी . इसके लिए भी कम से कम 100 वर्ग गज जमीन अलग तय कर निगम या पालिका से लाइसेंस लेना होगा. इसके लिए राज्य सरकार ने नए गौ पालन नियम लागू भी कर दिए थे. वहीं इस मामले में विपक्ष  हमेशा सरकार को घेरता रहा है. इस नियम को गौ विरोधी नीति बताते हुए विपक्ष ने जमकर सरकार की आलोचना की. आखिरकार अब सरकार ने इस  नियम को निरस्त करने का फैसला किया है ,




सीएम गहलोत ने भारतीय संस्कृति में गाय का महत्वपूर्ण स्थान बताया था
खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक कार्यक्रम में कहा भारतीय संस्कृति में गाय का महत्वपूर्ण स्थान है. गौ सेवा करने वालो को पूरे समाज मे सम्मान मिलता है साथ ही कहा गौ सेवा से जुड़ा व्यक्ति सच्चाई और अहिंसा के रास्ते पर चलता है ,
गौरतलब है पिछले दिनों प्रदेश के 213 शहरों में गोसंवर्धन के लिए नई नीति बनाई गई थी ,जिसमे इन शहरों में एक से अधिक पशु नही रख सकते  थे. इसके लिए हर साल लाइसेंस लेने का नियम बनाया गया था..


 गाय पालने के लिए अब लाइसेंस की नहीं होगी जरूरत
अब इस मामले में गहलोत ने कहा है गाय पालने के लिए अब लाइसेंस लेने की जरूरत नही होगी , साथ ही उन्होंने कहा गोसंवर्धन ,गोशालाएं खोलने में आने वाली सभी प्रकार की प्रशासनिक अड़चनों को दूर करने के साथ ही गोचर भूमि का संरक्षण करने के लिए सरकार प्रतिबध्द है. इस दौरान उन्होंने महात्मा गांधी के बताए रास्तों पर चलने का संदेश देते हुए हिंसक तत्वों का बहिष्कार करने का भी आव्हान किया. 


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