Rajasthan News: राजस्थान में चल रही सियासी उथल-पुथल को लेकर बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है. राजेंद्र गुढ़ा को विधानसभा में जाने से रोके जाने पर बीजेपी के नेता कांग्रेस पर जमकर निशाने पर ले रहे हैं. वहीं पूर्व बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनियां ने भी गहलोत सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि ये जो हो रहा है वो कांग्रेस के पापों का नतीजा है.


सतीश पूनियां ने कहा, "ये सरकार की ढलान का वक्त है. ऐसी दुर्दशा मैंने कभी किसी सत्ताधारी दल की इतिहास में नहीं देखी. बहुत कमजोर डिफेंस के साथ में वो सदन में आते हैं सदन में भी उनका आचरण वहीं रहता है. ये बात सही है एक झूठ को छुपाने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ते हैं. इस सरकार ने इतने ही झूठ बोले और इतने ही पाप किए. उसी पाप का नतीजा है जो ये कांग्रेस पार्टी की सरकार जिसके पास पूरा मेंडेट नहीं था, उन्होंने बसपा से जुगाड़ किया, निर्दलियों से जुगाड़ किया.


'सरकार में रहते हुए दिखाया आईना'
उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा, "बसपा के वही सदस्य जो बाड़ाबंदी के दौरान इस सरकार के संकट मोचक बने, जो लाडले और प्यारे थे. लेकिन जब उस पूरे ऑपरेशन के दौरान बाड़ाबंदी से लेकर इस्तीफों के उस दौर में कोई एक व्यक्ति उस समय अशोक गहलोत के साथ खड़ा था वही राजेंद्र गुढ़ा था और उन्होंने मंत्री रहते हुए सरकार की कानून व्यवस्था पर सदन में सवाल खड़ा किया, जो सत्यता के निकट था. कारण जो भी रहे होंगे लेकि ये सत्य था, सरकार को मंत्री ने सरकार में रहते हुए आईना दिखाया."


सतीश पूनियां ने आगे कहा, "राजेंद्र राठौड़ का तेवर ऐसा ही था कि सच कहना बगावत है तो कह दो कि मैं बागी हूं. इस अंदाज के साथ उन्होंने कहा और बर्खास्तगी के बाद जो कहा वो लाल डायरी से ताल्लुक रखता है और लाल डायरी में किस तरह के लोगों के राज थे वो राज बाहर आएं ये मांग विपक्ष की थी."


'लाल डायरी से सरकार में घबराहट'
पूनिया ने कहा, "राजस्थान की जनता भी ये जानना चाहती है कि आखिरकार उस लाल डायरी में क्या है जिससे सरकार घबराई हुई है, मुख्यमंत्री घबराए हुए हैं, उनके सिपहसालार घबराए हुए हैं, ऐसे में ये नैतिक जिम्मेदारी होती है सदन का कोई इस्तीफा या बर्खास्त हुआ कोई मंत्री उसको अवसर दिया जाना चाहिए. उन्होंने जब कोशिश की तो स्पीकर ने उन्हें मौका नहीं दिया."


पूर्व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने, "हम विपक्ष ये नाते ये जानना चाह रहे थे कि आखिर उस लाल डायरी में ऐसा क्या था कि पूरा सदन हिल गया सत्ता पक्ष को गाली-गलोच और हाथापाई की नौबत आ गई और उन्होंने अपने ही विधायक की आवाज को दबाने की कोशिश की. ये सारा मसला राजस्थान की जनता ने लाइव देखा और फैसला भी जनता की अदालत ही करेगी. राजस्थान की सरकार ने एक पाप और कर दिया."


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