Rajasthan Opium Crop Hailstorm: राजस्थान (Rajasthan) में 2 दिन पहले अलग-अलग जिलों में हुई ओलावृष्टि (Hailstorm) भारी नुकसान का कारण बन गई है. प्राथमिक अनुमान के अनुसार राजस्थान के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) जिले में सबसे महंगी फसल अफीम (Opium) यानी 'काला सोना' बर्बाद हो गया है. प्राथमिक अनुमान के अनुसार ये नुकसान 57.40 करोड़ रुपए का बताया जा रहा है. अब किसान (Farmers) इस भरपाई के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं. दरअसल, किसानों की फसल पकने लगी थी और इसी बीच हुई ओलावृष्टि की वजह से फसलों को भारी नुकसान हुआ है.
लाखों में है कीमत
जिले के 8200 अफीम पट्टाधारक किसानों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय कीमत के मुताबिक 57 करोड़ 40 लाख रुपए की अफीम पानी में बह गई है. सरकार ने प्रतापगढ़ में 3800 और जिले के ही छोटीसादड़ी क्षेत्र में 4400 पट्टे किसानों को दिए गए है. अफीम की अंतरराष्ट्रीय बाजार कीमत एक लाख रुपए किलो है. ऐसे में प्रतापगढ़ की बात करें तो दिए गए पट्टों में किसानों की 15 हजार 200 किलो अफीम पैदा होती. जिसकी कीमत 1 अरब 52 करोड़ रुपए है.
पानी में बह गई मेहनत
भारतीय अफीम किसान समिति जिलाध्यक्ष एडवोकेट मोहनलाल कुमावत ने बताया कि एक पट्टे में औसतन 4 किलो अफीम का उत्पादन होता है. इस प्रकार छोटीसादड़ी में 17 हजार 600 किलो अफीम पैदा होती, जिसकी कीमत 1 अरब 76 करोड़ रुपए होती है. अफीम उत्पादक किसानों को सरकार की ओर से 2 हजार रुपए किलो के हिसाब से दिए जाते हैं. ऐसे में मंगलवार को हुई बारिश से एक किसान को 60 हजार से 1 लाख रुपए तक का नुकसान हुआ है. कुल नुकसान 57 करोड़ 40 लाख रुपए का है. अफीम की फसल में लगे डोडों में किसानों ने चीरा लगा दिया था. ऐसे में बारिश से पते टूट गए और चीरा लगे डोडों का दूध पानी से धूल गया.
अधिकारी ने कही ये बात
केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के जिला अफीम अधिकारी दीपक दुबे ने बताया कि अफीम की फसल में एक बार चीरा लगने के बाद किसी भी प्रकार के नुकसान की जिम्मेदारी किसान की होती है. एनडीपीएस एक्ट में किसानों को रियायत देने के संबंध में कोई नियम नहीं है. चीरा लगाने से पूर्व किसान विभाग में आशिक फसल या पूरी फसल को उखड़वाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. वर्तमान में 200 से अधिक आवेदन इस संबंध में आ चुके है. आवेदन 15 मार्च तक आमंत्रित हैं.
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