Rajasthan Organization Works For Divyang: देश में दिव्यांगों के लिए कृत्रिम अंग (Artificial Limbs) निशुल्क प्रदान करने वाली संस्था जयपुर फुट यूएसए (Jaipur Foot Usa) देश के कोने-कोने में प्रत्येक दिव्यांग (Divyang) तक पहुंच रही है. देश के कई राज्यों और जिलों में व्हाट्सएप के जरिए दिव्यांगों से संपर्क किया जा रहा है साथ ही कृत्रिम अंग बनाने वाली मोबाइल वैन को भी तैनात किया गया है. गांव और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले दिव्यांगों को कृत्रिम अंग पहुंचाकर लाभ दिया जा रहा है. संस्था से जुड़े लोग दिव्यांगों में खुशियां बांटने का काम कर रहे हैं.
विदेश में लगाए कैंप
संस्था जयपुर फुट यूएसए की तरफ से 'दिव्यांगों के द्वार' नाम से एक कैंपेन भी चलाया जा रहा है. जयपुर फुट यूएसए के चेयरमैन प्रेम भंडारी ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में बताया कि देसी नहीं पूरी दुनिया में कई जगह पर कृत्रिम अंगों को को निशुल्क देने का कार्यक्रम चल रहा है. कई देशों में अभी कैंप लगाए गए हैं, इन दिनों श्रीलंका में कैंप चल रहा है. देशभर के दिव्यांगों के लिए कृत्रिम अंग निशुल्क प्रदान करने के लिए कैंप का आयोजन किया जा रहा है ऐसा ही कैंप खीचन में लगाया जाएगा जो भी दिव्यांग अपना रजिस्ट्रेशन कराएंगे सभी को इसका लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि, मोबाइल वैन भी इसी कार्य में जूटी हुई हैं. जयपुर फुट यूएसए की तरफ से 20 लाख से अधिक कृत्रिम अंग दिव्यंगों को लगाए हैं.
मिलती है खुशी
प्रवीण संचेती ने बताया कि जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल स्थित भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति जयपुर फुट यूएसए के तत्वाधान में दिव्यांगों के लिए निशुल्क अंग उपलब्ध कराए जाते हैं. कुछ ही घंटों में किसी भी उम्र के व्यक्ति को कृतिम अंग बनाकर लगा दिया जाता है. ऐसे लोगों को सहायता देने के लिए जयपुर फुट यूएसए दिव्यांग के द्वार तक कैंपेन के लिए मोबाइल वैन भी उपलब्ध है. यहां पर कृत्रिम अंग रिपेयर भी किए जाते हैं. उन्होंने बाताया कि अंगों के लगने के बाद मरीज की खुशी का ठिकाना नहीं रहता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योग कंसल्टेंट व एस व्यासा यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ नगेंद्र भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति जयपुर फुट के फाउंडर पदम विभूषण डीआर मेहता के द्वारा शुरू किया गया था.
पैरा खिलाड़ियों पर है ध्यान
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेल को लेकर हर क्षेत्र में खिलाड़ियों को मौका पारदर्शिता के जरिए मिले उस पर काम कर रहे हैं. पैरा खिलाड़ियों ने दी भी कई क्षेत्रों में अपने परचम लहराए हैं. दिव्यांग छात्रों को खेलो में मौका मिले इस पर भी संस्था काम कर रही है. कई दिव्यांग जो किसी ना किसी हादसे में अपने हाथ या पैर खो चुके हैं उनको सपोर्ट मिले, इसको लेकर भी काम किया जा रहा है. जोधपुर के कई खिलाड़ी पैरा खेलों में मेडल जीत चुके हैं.
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