Padma Awards 2023: 'केवल पुरस्कार नहीं, जिम्मेदारी भी', पद्मश्री मिलने पर गजल सम्राट हुसैन बंधुओं ने जताया केंद्र-राज्य सरकार का आभार
Padma Awards 2023: मोहम्मद और अहमद हुसैन ने अपने पिता उस्ताद अफजल हुसैन से संगीत की शिक्षा ग्रहण की. 1958 में हुसैन बंधुओं ने लोक गायन की कला को दुनिया के सामने रखा. अबतक उनकी65 एल्बम आ चुकी हैं.
Rajasthan Padma Award Winners Hussain Brothers: रिपब्लिक डे 2023 की एक शाम पहले पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई थी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने साल 2023 के लिए पद्म विभूषण (Padma Vibhushan), पद्म भूषण (Padma Bhushan) और पद्मश्री (Padma Shri) सम्मान पाने वाले नामों का एलान किया. इनमें से हैं राजस्थान के मशहूर गजल गायक हुसैन बंधु यानी मोहम्मद हुसैन और अहमद हुसैन.
मोहम्मद हुसैन और अहमद हुसैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "पद्म पुरस्कार के लिए हम केंद्र सरकार और राजस्थान सरकार के आभारी हैं. पुरस्कार के साथ ज़िम्मेदारी और बढ़ जाती है. संगीत के प्रति और वफ़ादार रहना है और उसी जुनून के साथ काम करना है."
पद्म श्री सम्मान के लिए इन नामों की घोषणा
जानकारी के लिए बता दें कि पद्म पुरस्कार पाने वालों में राजस्थान की चार शख्सियतें शामिल हैं. जयपुर के मशहूर गजल गायक अहमद हुसैन और मुहम्मद हुसैन को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा. वहीं, लक्ष्मण सिंह और मूलचंद लोढ़ा को भी पद्मश्री मिलेगा.
जानें मोहम्मद और अहमद हुसैन के बारे में
जयपुर के हुसैन बंधु लोक गायकी में विश्व भर में झंडे गाड़ चुके हैं. मोहम्मद हुसैन और अहमद हुसैन ने अपने पिता उस्ताद अफजल हुसैन से संगीत की शिक्षा ली है. साल 1958 में हुसैन बंधुओं ने लोक गायन में अपना सफर शुरू किया और उपलब्ध जानकारी के अनुसार, दोनों भाइयों की करीब 65 एल्बम रिलीज हो चुके हैं. साल 2000 में हुसैन बंधुओं को संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है.
अहमद-मोहम्मद हुसैन की मशहूर गजलें
गजल सम्राट उस्ताद अहमद और मोहम्मद हुसैन की गई गजलें ऐसी हैं, जो जुबान से नहीं उतरतीं. इनमें 'हम फकीरों से', 'मैखाने में बैठे हैं', 'जब तसव्वुर में', 'मौसम आएंगे जाएंगे', 'मैं हवा हूं कहां वतन मेरा' जैसी गजलें शामिल हैं.
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