Rajasthan News: उदयपुर जिले के गोगुंदा कस्बे में 'आदमखोर' तेंदुए की दहशत खत्म होने का दावा किया गया है. सोमवार रात दो तेंदुए अलग-अलग पिंजरे में फंस गए. पिछले सप्ताह तेंदुए के हमले में तीन लोगों की मौत से हड़कंप मच गया था. लोग घरों से बाहर निकलने में डरने लगे थे. अब तेंदुए के आतंक से परेशान लोगों को बड़ी राहत मिली है. सेना की मदद से वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ा है. तेंदुए ने 6 वर्षीय लड़की, 50 वर्षीय पुरुष और 40 वर्षीय महिला का शिकार किया था. कस्बे में एक के बाद एक तीन मौत से वन विभाग की नींद उड़ गयी थी.
बुधवार को वन विभाग ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर तलाशी अभियान शुरू किया. मूवमेंट दिखाई नहीं देने के कारण शनिवार को सेना की मदद ली गयी. मौके पर पहुंची सेना की टीम ने तलाशी अभियान में वन विभाग की मदद की. तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाये गये. रणनीतिक रूप से छह स्थानों का चयन किया गया. छह स्थानों पर पिंजरे लगाकर वन विभाग और सेना की संयुक्त टीम ने जंगल के पास कैंप शुरू कर दिया.
उदयपुर में लोगों ने राहत की सांस
सेना ने निगरानी के लिए नाइट विजन दूरबीन और ड्रोन का भी इस्तेमाल किया. संयुक्त टीम ने उण्डीथल, भेवड़िया और उमरिया सहित अलग-अलग जगहों पर निगरानी की. बीती रात आखिरकार दो तेंदुए अलग-अलग पिंजरे में कैद हो गये. पिंजरे में तेंदुए के फंसने से वन विभाग, सेना और प्रशासन की टीम ने राहत की सांस ली. दहशतजदा लोगों को भी थोड़ी राहत मिली है. गोगुंदा थाने के थानाधिकारी शैतान सिंह नाथावत ने कहा कि वन विभाग की टीम को सफलता मिली है.
अलग-अलग पिजरे में फंसे तेंदुए
तेंदुओं को पकड़ने के बाद सज्जनगढ़ जैविक उद्यान में ले जाया गया है. उन्होंने बताया कि बिना दांत वाला तेंदुआ इलाके में लोगों पर हुए हमलों का जिम्मेदार हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘टूटे हुए दांत के कारण या दांत नहीं होने के कारण जानवर शिकार करने में नाकाम रहने पर हमलावर हो जाता है. हो सकता है कि बिंना दांत वाले तेंदुए ने लोगों पर हमला किया हो. हालांकि वन अधिकारी विस्तार से जांच कर रहे हैं.’’
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