Rajasthan Paper Leak Case: वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में चौकाने वाली बात सामने आई है. इस मामले में पुलिस ने कुल 58 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिसमें से दो दिन की कोर्ट में सुनवाई के बाद 41 आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया. इस मामले में उदयपुर कोर्ट में आरोपियों के अलग-अलग वकीलों ने जमानत अर्जी पेश की थी. दो दिन सुनवाई के बाद पहले 8 और फिर 33 आरोपियों को कोर्ट से जमानत पर रिहा किया गया. हालांकि इस मामले में पुलिस की तरफ से हाईकोर्ट में जमानत के खिलाफ प्रार्थना पत्र पेश करने की तैयारी चल रही है.
दो अलग-अलग थानों में दर्ज किए थे मुकदमे
पुलिस ने इस मामले में दो मुकदमे दर्ज किये थे. इस मामले में उदयपुर जिले के ग्रामीण थाना बेकरिया और शहर के सुखेर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में एएसपी मंजीत सिंह, मुकेश सांखला और महेंद्र पारीक जांच कर रहे है. अब तक 58 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. बड़ी बात यह है कि 23 दिसंबर को पुलिस ने मामले का खुलासा किया था, लेकिन अब तक इसके सरगना भूपेंद्र सारण और सुरेश ढाका गिरफ्तारी से दूर हैं. वह फरार चल रहा है और पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है.
कोर्ट ऑर्डर में क्या लिखा गया?
कोर्ट ऑर्डर में लिखा गया कि पक्ष के तर्कों पर मनन किया गया. केस डायरी का अवलोकन किया गया. केस डायरी के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि आरपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली सेकण्ड ग्रेड प्रतियोगी परीक्षा का पेपर करवाने में मुख्य अभियुक्त भूपेन्द्र और सुरेश ढाका है. ये अब तक प्रकरण में गिरफ्तार नहीं हुए हैं. प्रकरण में जिन अभियुक्तगण को अब तक गिरफ्तार किया गया है वे या तो प्रतियोगी परीक्षा के परीक्षार्थी है अथवा टीचर हैं. इसके अलावा परीक्षार्थीगण के परिजन हैं अथवा बस के चालक हैं. जांच अधिकारी की रिपोर्ट के मुताबिक अभियुक्तगण के कब्जे से जो प्रश्न पुस्तिका बरामद की गई उनके सभी प्रश्न आरपीएससी के प्रश्नपत्र से मेल नहीं खाए. लगभग 80 फीसदी ही प्रश्न मेल खाए हैं.
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के आदेश कमांक 45 / RSSB / विधि / अनुसा / 2023 / 42 5 जनवरी 2023 द्वारा प्रकरण के परीक्षार्थीगण को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, जयपुर की परीक्षाओं में शामिल होने पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जा चुका है. इस प्रकरण में गिरफ्तार टीचर को राज्य सरकार द्वारा बर्खास्त किया जा चुका है. प्रकरण में प्रार्थीगण- अभियुक्तगण दिनांक 24 दिसंबर से लगातार अभिरक्षा में चल रहे हैं. प्रकरण के निस्तारण में निश्चित रूप से समय लगेगा. ऐसी स्थिति मे प्रकरण के समस्त तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए और अधिवक्तागण अभियुक्तगण द्वारा प्रस्तुत किए गए न्यायिक दृष्टातों में प्रतिपादित सिद्धान्तों को देखते हुए इस स्टेज पर प्रकरण के गुणावगुण पर कोई अंतिम व्यक्त किए बिना प्रार्थीगण अभियुक्तगण द्वारा प्रस्तुत जमानत का यह प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाना न्यायसंगत प्रतीत होता है.