Rajasthan Paper Leak: पेपर लीक माफियाओं के खिलाफ राजस्थान पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है. राजस्थान पुलिस की जोधपुर रेंज पेपर मात्राओं पर शिकंजा कसते हुए बड़ा ऑपरेशन चलाकर मास्टर  माइंड समेत तीन माफियाओं को हवालात के पीछे पहुंचा दिया.


पकड़े गए तीनों पेपर माफियाओं पर इनाम भी घोषित था. राजस्थान पुलिस के बैक टू बैक एक्शन से पेपर लीक माफियाओं में अब इतना खौफ है कि पेपर लीक के मोस्ट वांटेड सुरेश ढाका ने एसओजी को सरेंडर करने के लिए संपर्क किया है.


राजस्थान में सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा-2021 समेत 6 से ज्यादा प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक मामले में वांटेड चल रहे तीन आरोपी ओमप्रकाश ढाका, सुनील बेनीवाल और शम्मी बिश्नोई को लेकर जोधपुर पुलिस रेंज ने गिरफ्तार किया है.


पुलिस ने गठित की थी स्पेशल टीम


ओम प्रकाश ढाका और सुनील बेनीवाल को जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार की ओर से गठित की गई स्पेशल टीम ने हैदराबाद से तो वहीं शमी बिश्नोई को वृंदावन के बरसाना से पकड़ा गया. तीनों की गिरफ़्तारी के लिए आईजी विकास कुमार ने अलग अलग ऑपरेशन चलाये. ऑपरेशन के तहत साइक्लोनर, टॉरमेडो और स्ट्रांग टीम आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए अपनी पहचान छुपाकर कभी सिलेंडर हॉकर बनकर तो कभी वृन्दावन बरसाने जाकर भक्त बन गए.


जोधपुर रेंज आईजी,विकास कुमार ने कहा कि सब इंस्पेक्टर भर्ती मामले में ओम प्रकाश ढाका, सुनील बेनीवाल,  बिश्नोई गोपनीय रूप से अलग-अलग अड्डों छुपे हुए थे. पुलिस से बचने के लिए महिला आरोपी शम्मी ने खुद को छिपाने के लिए वृन्दावन, बरसाना में शरण ली और मीरा और कृष्ण भगवान की भक्त बनकर वहां रहने लगी थी.


शमी बरसाना में शोभायात्रा के दौरान रंगे हाथ गिरफ्तार


ऐसे में जोधपुर आईजी की टॉरमेडो और स्ट्रांग टीम भक्ति भाव के साथ भजन कीर्तन करते हुए बरसाने पहुंच गई. शमी दो महीने से बरसाना में थी. शमी बरसाना में गायों की शोभायात्रा और मंदिरों में पूजा अर्चना करती हुई रंगे हाथों पुलिस के जाल में फंस गई. बस फिर क्या था शमी के ड्रामा और नौटंकी का खेल खत्म कर पुलिस उसे दबोचकर SOG ले आई.


दो आरोपियों के हैदराबाद में होने की मिली गुप्त सूचना


आरोपी ओम प्रकाश ढाका और सुनील बेनीवाल हैदराबाद के एक फ्लैट में छुपे थे. जोधपुर आईजी विकास कुमार को आरोपियों के हैदराबाद में होने का रात 2:00 बजे एक गोपनीय इनपुट मिला. बस यही से रात को ही ऑपरेशन की शुरुआत कर दी गई.किसी को अंदाजा भी नहीं था कि जो बदमाश पिछले 2 महीने से किसी भी प्रकार के कोई मोबाइल यूज नहीं कर रहे और ना ही किसी अपने रिश्तेदार से संपर्क में फिर भी पुलिस की टीम पहुंच जाएगी.


पुलिस सिलेंडर सप्लाई करने वाले हॉकर की भांति डिलीवरीमैन बनकर फ्लैट में पहुंची. फ्लैट में सुनील बेनीवाल और ओमप्रकाश बड़े ही ऐशो आराम से अपनी फरारी काट रहे थे. टॉरमेडो टीम दोनों को दबोचकर फ्लाइट के जरिए जयपुर ले आई और उन्हें हवालात के पीछे पहुंचा दिया.


आरोपियों पर इनाम थे घोषित


पेपर लीक माफिया ओमप्रकाश ढाका पर 75 हजार रुपये, शम्मी बिश्नोई पर 70 हजार रुपये और सुनील बेनीवाल पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था. तीनों पेपर लीक के मास्टरमाइंड हैं. इनकी तलाश राजस्थान पुलिस को काफी समय से थी. ओमप्रकाश ढाका मुख्य आरोपी है.


वह पेपर लीक माफिया जगदीश विश्नोई की गैंग को चलाने वाला हैंडलर है. वह 100 से ज्यादा पेपर लीक जैसी घटनाओं को अंजाम दे चुका है. वहीं शम्मी बिश्नोई पेशे से सरकारी टीचर ने कई परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बैठाने का काम किया है. खुद भी कई परीक्षाों में डमी कैंडिडेट बनकर बैठी है. वह खुद बालोतरा थाने की वांटेड भी है. सुनील भी डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षाओं में बैठा है. वह डमी कैंडिडेट भी उपलब्ध करवाता था.


अब तक एसओजी 38 एफआईआर दर्ज कर चुकी है


पेपर लीक मामले में अब तक एसओजी 38 एफआईआर दर्ज कर चुकी हैं. इनमें 28 मामले डमी कैंडिडेट और बाकी फर्जी डिग्री और पेपर लीक के हैं, हालांकि अभी भी कई बड़े मोस्ट वांटेड अपराधी पेपर लीक के मामले में फरार चल रहे हैं.


स्पेशल ऑपरेशन की लगातार पेपर माफिया पर चल रही ताबड़तोड़ कार्रवाई को लेकर कई पेपर माफिया सरेंडर करने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप सरेंडर करने वाले बदमाशों को बख्शने के मूड में न होकर उन्हें कानून के अकॉर्डिंग अपराध की भांति कठोरता के साथ सलाखों के पीछे पहुंचाना चाहती है ताकि भविष्य में कोई भी पेपर माफिया फिर से ऐसी कोई हिमाकत न कर सके.


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