Rajasthan Paper Leak: कार्रवाई की रात के वो 10 घंटे..., आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस कभी शराबी बनी तो कभी अभ्यर्थी
एसपी विकास कुमार शर्मा के पास आए इनपुट पर एसपी ने जिला स्पेशल टीम को तैयार किया. इस टीम में विक्रम सिंह, प्रहलाद पाटीदार, धर्मेंद्र सिंह, उपेन्द्र, अनिल, रविन्द्र, करतार एयर रामनिवास थे.
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Rajasthan Paper Leak Case: राजस्थान में वरिष्ठ अध्यापक पेपर लीक मामले में नए नए खुलासे सामने आ रहे हैं. इसमें आरोपियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. पहले दिन 49 आरोपियों को पकड़ा था तो दूसरे दिन आरोपियों की संख्या 55 हो गई. यहीं नहीं अभी पुलिस और तार जोड़ रही है. अब इसमें एक सवाल यह उठता है कि आखिर कार्रवाई की रात पुलिस की क्या और किस तरफ से कार्रवाई रही. पुलिस ने कैसे पकड़ा, क्या-क्या जतन किए होंगे. यह कार्रवाई 10 घंटे की थी जिसमें पुलिस पूरी रात आरोपियों से भरी बस के पीछे लगी रही. आइए जानते हैं पुलिस ने क्या किया शुक्रवार की रात.
शुक्रवार शाम 6 बजे से पीछे लगे थे
एसपी विकास कुमार शर्मा के पास आए इनपुट पर एसपी ने जिला स्पेशल टीम को तैयार किया. इस टीम में विक्रम सिंह, प्रहलाद पाटीदार, धर्मेंद्र सिंह, उपेन्द्र, अनिल, रविन्द्र, करतार एयर रामनिवास थे. इनके साथ शहर के सुखेर थाना पुलिस के पुलिसकर्मी भी थे. पहले सिर्फ सूचना थी कि ऐसे कोई बस है जिसमें पेपर लीक गिरोह है. अब उस बस को आइडेंटिफाई करना था. पुलिस ऐसी बस को तलाश रही थी जो खत्म हुई पिंडवाड़ा हाइवे पर शहर के करीब भीलों का बेदला इलाके में जालौर की बस दिखाई दी. संधिग्ध लगने से शुक्रवार शाम को करीब 6 बजे उसके पीछे लगे.
दो जिलों में दो ढाबों पर रुके और चलते रहे
सबसे पहले बस करीब शाम 6.30 भीलों का बेदला स्थित यानी शहर के करीब एक ढाबे पर रुकी. यहां सभी अभ्यर्थियों ने खाना खाया. यहां करीब डेढ़ घंटे तक रुके और फिर सभी बस में बैठने लगे. पुलिस के पास तीन निजी वाहन थे. एक वाहन 300, दूसरा 500 और तीसरा एक किलोमीटर दूर चल रहा था. बस ज्यादा स्पीड में नहीं चल रही थी. कभी पुलिस का एक वाहन आगे निकल जाता तो दूसरा उसके पीछे लग जाता. इसी तरफ करीब रात 11.30 सिरोही जिले की सीमा में प्रवेश कर गए. यहां हाइवे पर ही एक ढाबे पर फिर से बस रुकी और सभी आरोपी बाहर निकले.
इस ढाबे पर भी करीब 1 घंटा रुके. यहां से बस ने फिर यू टर्न लिया और उदयपुर की तरफ निकले. इनका मकसद था रातभर में पेपर सॉल्व करना और सुबह परीक्षा केंद्रों पर जाकर परीक्षा देना. हम फिर से उनके पीछे लगे. इस तरफ की हरकतें देखकर पुलिस को यकीन हो गया कि कुछ गड़बड़ है. फिर निजी वाहन में सवार पुलिसकर्मियों ने अधिकारियों को सूचना दी. फिर हाइवे पर ही बेकरिया थाने के सामने नाकाबंदी कराई गई. बस जैसे ही आई तो नाकाबंदी में रुकवाई और फिर कार्रवाई हुई.
'ना हम जानते थे वह आरोपी और ना वो जानते हम पुलिस'
पुलिस के मुताबिक इतनी देर तक पीछा इसलिए किया क्योंकि हम पक्का नहीं थे कि यहीं वह बस है जो पेपर लीक की है. यह भी मन में था कि कोई और बस निकल गए तो हाथ में कुछ नहीं आएगा. इसलिए पक्का करने के लिए लगातार उनका पीछा करना पड़ा. दो ढाबा पर रुके तो एक पर तो अन्य पुलिसकर्मी पक्का करने के लिए उतरे की क्या गड़बड़ है. उन्हें शक ना हो इसलिए शराब की बोतल हाथ में ली ऑयर शराबी होने का नाटक किया. बाद में जब सिरोही सीमा में पहुंचे तो अभ्यर्थी बनकर लोगों से उदयपुर का रास्ता पूछा. बस से उतरे अभ्यर्थियों ने भी दोनों बार पुलिस की टीम को देखा लेकिन शक नहीं होने दिया.
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