Rajasthan Constable Exam Paper Leak Case, Strict Action Taken By SOG: राजस्थान (Rajasthan) में कड़े इंतजाम के बीच जयपुर पुलिस मुख्यालय (Jaipur Police Headquarters) की ओर से आयोजित की गई कांस्टेबल भर्ती परीक्षा (Rajasthan Police Constable Recruitment Exam 2022) के पेपर लीक मामले में फरार आरोपी अभी तक एसओजी की गिरफ्त से बाहर है. तफ्तीश के बीच एसओजी ने आरोपी मोहन उर्फ जितेंद्र की पहचान करते हुए झोटवाड़ा स्थित आरोपी के फ्लैट पर दबिश दी, जहां पर 7.97 लाख रुपए मिले हैं. फ्लैट पर मिली आरोपी की पत्नी से एसओजी ने लंबी पूछताछ की. मोहन सीकर के दांतारामगढ़ का रहने वाला है.


मुख्य आरोपी फरार -


मोहन पर 14 मई को झोटवाड़ा के दिवाकर पब्लिक स्कूल (Diwakar Public School, Jhotwara) से पेपर लीक (Rajasthan Constable Exam Paper Leak Case) करने का आरोप है. मोहन को पकड़ने के लिए एसओजी की टीम अलग-अलग शहरों में दबिश दे रही है.


पहले पकड़े गए आरोपी पुलिस रिमांड पर -


एटीएस एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि इस मामले में स्कूल से पकड़े गए प्रताप नगर कॉलोनी मुरलीपुरा निवासी (केन्द्राधीक्षक) शालू शर्मा व पति (सहायक केन्द्राधीक्षक) मुकेश शर्मा, गोविंदगढ़ निवासी सत्यनारायण कुमावत, हरियाणा के सोनीपत निवासी राकेश, ग्रीन बिहार मुरलीपुरा निवासी कमल कुमार वर्मा, विजयनगर मुरलीपुरा निवासी रोशन कुमार, गुरुग्राम हरियाणा निवासी विक्रम सिंह व ट्रैफिक एएसआई खोह नागोरियान निवासी रतनलाल को गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उन्हें तीन दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा है.


परीक्षा से पहले सोशल मीडिया पर था पेपर -


14 मई को दूसरी पारी में आयोजित होने वाला पेपर परीक्षा शुरू होने से पहले ही सोशल मीडिया पर आ गया था. इसके बाद एसओजी टीम जांच करती हुई झोटवाड़ा स्थित दिवाकर पब्लिक सेकेंडरी स्कूल पहुंची. जहां से संचालक दंपति व एएसआई सहित 8 लोगों को पकड़ा गया. पेपर लीक होने के बाद मुख्यालय ने एक पारी की परीक्षा रद्द कर दी थी. परीक्षा केंद्र से पेपर की फोटो खींचने वाले आरोपी का नाम मोहन बताया जा रहा है, जो 15 मई से मोबाइल स्विच ऑफ करके फरार है.


सांसद ने की परीक्षा रद्द और सीबीआई जांच की मांग -


कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण के मामले में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने पूरी परीक्षा पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि 13, 15 व 16 मई को भी पेपर लीक हुआ था, इसलिए परीक्षा रद्द होनी चाहिए और पूरे मामले की सीबीआई जांच भी होनी चाहिए. सांसद ने परीक्षा आयोजित कर रही कंपनी टीसीएस के पदाधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप लगाए हैं.


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