राजस्थान: माता-पिता ने ही की मूक बाधिर बच्ची की हत्या! साजिश से ऐसे उठा पर्दा, तीन आरोपी गिरफ्तार
Karauli Crime: राजस्थान के करौली जिले के हिंडौन सिटी में मूक-बधिर बच्ची की हत्या के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है. बच्ची की मां, पिता और उसके मामा ने ही उसकी हत्या की साजिश रची थी.
Rajasthan News: राजस्थान के करौली जिले के हिंडौन की रहने वाली मूक बधिर नाबालिग बच्ची की पिछले महीने संदिग्ध परिस्थियों में जयपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. ऐसे में पुलिस ने अब मूक बधिर नाबालिग बालिका की हत्या का पर्दाफाश करते हुए उसके माता-पिता और मामा को गिरफ्तार किया है. इन लोगों ने नाबालिग को जहरीला पदार्थ खिलाकर उसकी हत्या की थी.
हिंडौन कस्बे के नई मंडी थाना पुलिस को 9 मई को सूचना मिली थी कि एक मूक बधिर नाबालिग बच्ची जली हुई अवस्था में अस्पताल में भर्ती हुई है. पुलिस सरकारी अस्पताल पहुंची और मूक बधिर बच्ची का बयान लेने की कोशिश की, लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि नाबालिग बयान देने की स्थिति में नहीं है. इस बीच नाबालिग के माता-पिता ने हिंडौन के अस्पताल में कुछ नहीं बताया और नाबालिग को जयपुर रेफर कर दिया. हिंडौन पुलिस जयपुर नाबालिग के बयान लेने पहुंची, लेकिन तब भी नाबालिग बयान देने की स्थिति में नहीं थी.
बच्ची ने बयान में क्या कहा था?
इसके बाद 11 मई को नाबालिग के पिता करन सिंह निवासी दादनपुर थाना टोडाभीम ने मंडी थाना हिंडौन सिटी में शिकायत दर्ज कराई. इसमें उन्होंने कहा कि 9 मई को लगभग सुबह 10 बजे हमारी नाबालिग बेटी को दो अज्ञात व्यक्तियों ने जला दिया और खुद रेलवे लाइन की तरफ भाग गए. वहीं 14 मई को इलाज के दौरान ही एसएमएस अस्पताल में नाबालिग के बयान दर्ज किए गए. इस बयान में नाबालिग ने एक व्यक्ति द्वारा पेट्रोल से जलाकर मारना बताया. हालांकि, उसने रेप की घटना से इंकार किया.
इसके बाद 20 मई को एसएमएस अस्पताल में इलाज के दौरान नाबालिग बच्ची की मौत हो गई. एसएमएस अस्पताल में मेडिकल बोर्ड से नाबालिग के शव का पोस्टमार्टम कराया गया और शव परिजनों को सौंप दिया गया. वहीं नाबालिग को जलाकर मारने की घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए भरतपुर पुलिस महानिरीक्षक राहुल प्रकाश द्वारा एसआईटी का गठन किया गया. इसके साथ ही नाबालिग के परिजनों ने जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना देकर मामले की जांच करौली जिले से बाहर के अधिकारी से कराने की मांग की.
बच्ची की हालत में सुधार होने पर दिया जहर
करौली जिला पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि जांच में सामने आया है कि मूक बधिर नाबालिग का उसकी मां से किसी बात पर झगड़ा हो गया था. इसके हाद उसने खुद पेट्रोल डाल कर आग लगा ली. नाबालिग की मां ने पेट्रोल के बोतल को छिपाया दिया और पुलिस को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी. पीड़िता के परिजनों ने दो दिन बाद सोच समझ कर दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. पीड़ित नाबालिग के मामा द्वारा ललित शर्मा का नौ साल पुरानी फोटो दिखाकर उसकी पहचान कराकर ललित शर्मा को आरोपी बनाने की कोशिश की गई.
नाबालिग की इलाज के बाद स्थिति में सुधार होने और पुलिस द्वारा जांच में ललित शर्मा के शामिल न होने पर नाबालिग की हत्या का षड्यंत्र रचा गया. मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम की फाइनल रिपोर्ट के अनुसार की मृतका को 24 घंटे के अंदर कीटनाशक दिया गया था. जहर खाने के बाद पीड़िता की सांस फूलने लगी और 19 मई को डॉक्टर्स द्वारा उसे ऑक्सीजन सपोर्ट लगाने की अनुमति मांगने पर नाबालिग के मामा और माता-पिता ने लिखित में सहमति देने से इंकार कर दिया, जिसके बाद 20 मई को नाबालिग की मौत हो गई.
वहीं करौली जिला पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय के अनुसार नाबालिग पीड़िता के पिता करन सिंह उर्फ हरकेश मीणा निवासी दादनपुर माता कमलेश और मामा राजेश को गिरफ्तार कर लिया गया है.