Rajasthan: फिर आंदोलन की राह पर पटवारी, सियासी दबाव के कारण किए जा रहे तबादलों पर जताई नाराजगी
पटवारी संघ ने मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में लिखा है कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाए. जल्द से जल्द संघ की मांगों को पूरा करते हुए ट्रांसफर पॉलिसी बनाई जाए.
Rajasthan News: राजस्थान के पटवारी एक बार फिर आंदोलन की राह पर (Patwari on the Path of Agitation) हैं. प्रदेश में सियासी दबाव के कारण किए जा रहे तबादलों (Transfer) पर राजस्थान पटवारी संघ (Rajasthan Patwari Sangh) ने नाराजगी जताई है. राजस्थान पटवारी संघ ने राजस्व मंडल अध्यक्ष और रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपा है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र कुमार का कहना है कि 3 जुलाई और 4 अक्टूबर को किए गए समझौते लागू करने समेत पटवारियों की कई मांगें हैं. ज्ञापन के मुताबिक राज्य सरकार ने 3 जुलाई और 4 अक्टूबर को अल्प भोगी पटवारियों को आश्वस्त किया था कि उनकी मांगों पर जल्द समझौता होगा लेकिन फिर भी कोई सुनवाई नहीं की जा रही.
राजस्थान पटवारी संघ ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
कर्मचारियों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का ट्रांसफर कर बेवजह परेशान किया जा रहा है. कई कर्मचारियों का ट्रांसफर 500 से 1000 किलोमीटर दूर किया जा रहा है. पटवारियों का कहना है कि राजनीतिक दबाव में अनावश्यक कर्मचारियों को परेशान किया जा रहा है. पटवारी कमजोर नहीं होंगे. मजबूती से अपनी मांगों के लिए लड़ते रहेंगे.
14 नवंबर से प्रदेश में व्यापक आंदोलन करने की दी धमकी
पटवारी संघ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) और राजस्व मंत्री (Revenue Minister) के नाम सौंपे ज्ञापन (Memorandum) में लिखा है कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाए. जल्द से जल्द संघ की मांगों को पूरा करते हुए ट्रांसफर पॉलिसी बनाई जाए. पटवारी संघ ने 13 नवंबर तक मांगों पर फैसला लेने की डेडलाइन दी है. फैसला नहीं होने पर 14 नवंबर से प्रदेश में व्यापक आंदोलन होगा. पटवारी राजस्व मंडल के बाहर आमरण अनशन पर बैठेंगे. आंदोलन की जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी.