Rajasthan Petroleum Association Strike: राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की ओर से 13 और 14 सितंबर को हड़ताल का एलान किया गया है. ऐसे में प्रदेश भर के 6712 पेट्रोल पंप इन दो दिन बंद रहेंगे. एसोसिएशन के डीलर्स की तरफ से कहा जा रहा है कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो 15 सितंबर से वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे. हालांकि यह बात साफ कर दी गई है कि हड़ताल के समय भी आपातकालीन वाहनों जैसे एम्बुलेंस, फायर ट्रक आदि को डीजल-पेट्रोल उपलब्ध कराया जाएगा.


बताया जा रहा है कि पेट्रोलियम डीलर्स की हड़ताल से सरकार को राजस्व में करीब 48 करोड़ रुपये का घाटा होगा. हड़ताल की जो वजह सामने आ रही है, उसके अनुसार राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन प्रदेश में डीजल-पेट्रोल पर वैट कम करने की मांग कर रहा है. 


यूपी-गुजरात और हरियाणा में कम है वैट
पेट्रोलियम संगठन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भाटी ने बताया, 'हमारी सरकार से सिर्फ एक मांग है. प्रदेश में डीजल पेट्रोल पर वैट कम किया जाए और पंजाब के बराबर तक लाया जाए. राजस्थान के पास में जितने भी राज्य हैं- उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, तीनों राज्यों की सरकारों ने वैट कम कर रखा है. राजस्थान के पास सबसे लंबा हाईवे है फिर भी प्रदेश में पिछले चाल साल में 270 पेट्रोल पंप बंद हो गए हैं.


तेल महंगा होने की वजह से हो रही अवैध बिक्री
राजेंद्र भाटी ने कहा कि पेट्रोल पंपों के बंद होने की वजह वैट अधिक होना है. वैट कम होगा तो आम जनता को भी महंगाई से राहत मिलेगी. पंजाब और हरियाणा की तुलना में राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर वैट सबसे ज्यादा है. ऐसे में लोग बाहरी राज्यों से तेल भरवा कर ही राजस्थान में आना पसंद करते हैं. कुछ लोग दूसरे राज्य से डीजल लाकर यहां अवैध रूप से बेच रहे हैं. इससे राज्य के पेट्रोल पंप संचालकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. ऐसे में संगठन की मांग है कि सरकार वैट कम करे, जिससे पेट्रोल पंप को आर्थिक घाटा न झेलना पड़े. अगर ऐसा नहीं होता है तो हड़ताल अनिश्चितकालीन होगी.


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