Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर में लगने वाले राजस्थान के विशेष गुलाबी रंग का बलुई पत्थर (पिंक सैंडस्टोन) की कमी होने लगी है. मंदिर निर्माण में लगने वाले गुलाबी रंग के बलुई पत्थर मांग के हिसाब से सिर्फ 15 प्रतिशत ही पहुंच पाया है. 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम जोर शोर से शुरू हुआ लेकिन अब निर्माण की गति धीमी हो गयी है. बताया जा रहा है कि राजस्थान से भेजा जाने वाला पिंक सैंडस्टोन पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पा रहा है.
अयोध्या में 4.70 लाख घन फुट पिंक सैंडस्टोन की है जरुरत
राम मंदिर निर्माण में 4.70 लाख घन फुट पिंक स्टोन लगना है लेकिन अभी तक सिर्फ 70 हजार घन फुट पत्थर ही अयोध्या पहुंच पाया है. गुलाबी पत्थर भरतपुर के बंसी पहाड़पुर में खनन कर पिंडवाड़ा और आबू रोड तराशा जाता है फिर वहां से अयोध्या भेजा जाता है. मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में गुलाबी पत्थर की 41 खाने लीज पर दी गई हैं. इसमें ए ग्रेड का पिंक स्टोन सिर्फ 14 खानों में ही है. उसमें भी कई खानों में कानूनी अड़चन के चलते खनन नहीं हो पा रहा है.
गुलाबी पत्थर की सप्लाई कम होने की वजह 41 खानों में 15 जून से पहले खनन संभव नहीं होना बताया जा रहा है. साथ ही अभी लीजधारकों की कागजी कार्यवाही की चल रही प्रक्रिया मई के अंत तक पूरी होगी. इसके बाद खनन शुरू करने में भी 10 से 15 दिन का समय लग सकता है. उसके बाद बारिश भी बाधा बनेगी. लगता है खनन का काम दिवाली बाद ही सुचारू हो पायेगा. तीसरी महत्वपूर्ण बात है 41 खानों में से 14 में ही ए ग्रेड का पिंक स्टोन पत्थर है.
दिन रात खनन करने पर भी पूर्ति करने में लग जाएंगे दो साल
अगर दिन रात खनन किया जाता है तो भी पूर्ति करने में दो साल लग जाएंगे. राम मंदिर निर्माण में अबतक करीब 200 करोड़ रु खर्च किये जा चुके हैं. इसका पूरा निर्माण करने में 11 सौ करोड़ रु खर्च होने का अनुमान है. निर्माण के तीसरे चरण में मंदिर की प्लिंथ यानी चबूतरे का काम चल रहा है. पिछले दिनों राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बैठक ली थी. बैठक में परकोटा निर्माण, रिटेनिंग वॉल सहित पत्थरों की आपूर्ती और नक्काशी पर चर्चा की गई.
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