Deeg News: दूध का खाने की चीजों में सभी रोजाना किसी न किसी रुप में इस्तेमाल करते हैं. दूध दैनिक जीवन के खाद्य पदार्थों में सबसे पौष्टिक आहारों में से एक है. अगर आप दूध रोजाना इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि बाजार में नकली दूध बनाने वाला गिरोह सक्रिय हो गया है. नकली दूध बनाने वाला गिरोह सिंथेटिक सरस का दूध बनाकर बाजार में बेच रहे है. दीपावली और त्याहारों को सीजन को देखते हुए नकली दूध, खोया और मावा बनाने वालों पर पुलिस मुख्यालय और सीआईडी क्राइम ब्रांच की टीम ने बुधवार (8 नवंबर) तड़के सुबह कार्रवाई की.
पुलिस और सीआईडी क्राइम ब्रांच टीम की संयुक्त कार्रवाई में डीग जिले के कैथवाड़ा कस्बे में सरस दूध के नाम से सिंथेटिक दूध बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया. फैक्ट्री में तैयार सिंथेटिक दूध दौसा जिले के बांदीकुई थाना अंतर्गत 2 बीएमसी और थाना बैजूपाड़ा स्थित एक बीएमसी के अतिरिक्त सिकराय कस्बे की डेयरियों में सप्लाई किया जा रहा था. इस मामले में कुल 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है. अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध दिनेश एमएन ने बताया कि यह कार्रवाई स्थानीय पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ की गई है.
'रोजाना 50 हजार लीटर दूध किया जाता है तैयार'
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध दिनेश एमएन ने बताया कि कैथवाड़ा में पकड़ी गई फैक्ट्री से रोजाना करीब 50 हजार लीटर सिंथेटिक दूध तैयार कर सप्लाई किया जा रहा था. सीआईडी द्वारा बुधवार (8 नवंबर) को की गई कार्रवाई में भी करीब 50 हजार लीटर सिंथेटिक दूध के अलावा भारी मात्रा में पनीर, मावा के साथ दूध के तीन छोटे टैंकर जब्त किए गए. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दूध और अन्य खाद्य पदार्थ के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया है. इस संबंध में एडीजी एमएन ने बताया कि कैथवाड़ा थाना क्षेत्र स्थित कमालिया आइस इंडस्ट्रीज और मिल्क चिलिंग प्लांट में केमिकल के द्वारा सिंथेटिक दूध बनाया जा रहा था.
केमिकल से तैयार किया जाता है सिंथेटिक दूध
एडीजी एमएन ने बताया कि ये लोग फैक्ट्री से छोटे दूध के टैंकरों के जरिये दौसा जिले में थाना बांदीकुई स्थित बीएमसी रलावता व झुंपडीन के अलावा थाना बैजूपाड़ा स्थित बीएमसी बिवाई और सिकराय कस्बे में तीन दूध की डेयरी में सप्लाई किया जाता था. बीएमसी के संचालक नकली दूध की जयपुर सरस डेयरी में सप्लाई कर रहे थे. इस काम में बीएमसी के अध्यक्ष की भूमिका संदिध पाई गई है. उन्होंने बताया, ''सिंथेटिक दूध में असली दूध की एक बूंद भी नहीं होती है. हाइड्रोजन पेरॉक्साइड, यूरिया, पाम आयल, कास्टिक सोडा, मिल्क पाउडर इत्यादि को एक निश्चित मात्रा में लेकर मशीनों के जरिए तैयार किया जाता है.''
मामले का कैसे हुआ खुलासा?
इस मामले में कार्रवाई को लेकर एडीजी ने बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम के हेड कांस्टेबल शंकर दयाल, रामनिवास और कमल को डीग जिले में नकली सिंथेटिक दूध की फैक्ट्री के बारे में सूचना मिली थी. इस पर आईजी क्राइम प्रफुल्ल कुमार के पर्यवेक्षण और एडिशनल एसपी आशाराम चौधरी के सुपरविजन और इंस्पेक्टर राम सिंह नाथावत के नेतृत्व में सूचना डेवलप कर पुष्टि की गई. पुष्टि के बाद बुधवार (9 नवंबर) को स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय पुलिस के सहयोग से छापा मारा गया. उन्होंने बताया कि टीम में एसआई सुभाष तंवर, हेड कांस्टेबल महेश, रविंद्र, हेमंत कांस्टेबल देवेंद्र, विजय, गोपाल, भूपेंद्र, सोहन, नरेश, संजय, बृजेश, विश्राम शामिल थे. विशेष भूमिका हेड कांस्टेबल शंकर, रामनिवास और कमल की रही. इस टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर राम सिंह नाथावत द्वारा किया गया.
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