Rajasthan News: राजस्थान के जोधपुर (Jodhpur) पुलिस कमिश्नरेट पुलिस को ज्वेलर को धमकी देने के मामले में मिली बड़ी कामयाबी मिली. पुलिस गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम से धमकी देने वाले नाबालिक को 72 घंटे में उत्तर प्रदेश से दबोच लिया है. जोधपुर सदर बाजार स्थित ज्वेलरी शोरूम के मालिक को विदेशी नंबर से कॉल और मैसेज कर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम से धमका कर पांच लाख की फिरौती मांगी जा रही थी. इस मामले में पुलिस की टीम द्वारा नाबालिक आरोपी को उत्तर प्रदेश के झांसी जिले से डिटेन किया गया है. आरोपी ने सुखदेव गोगामेड़ी हत्याकांड से प्रेरित होकर इस घटना को अंजाम दिया था.
       
जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट ईस्ट डीसीपी अमृता दुहन ने बताया कि 12 दिसंबर को थाना सदर बाजार स्थित सुदर्शन ज्वेलर्स के मालिक ओमप्रकाश सोनी ने रिपोर्ट दर्ज कराई की थी. उन्होंने कहा था कि आज उन्हें एक विदेशी नंबर से बार-बार व्हाट्सएप कॉल आ रहा था. जब उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की तो कॉलर ने मैसेज कर अपने आप को लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप से निक्की बराड़ नाम बता जान से मारने की धमकी देकर पांच लाख रुपये की मांग की. इसेक बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी.
 
किसी ऐप के जरिए किया कॉल और मैसेज  

  
इस मामले की गंभीरता को देख कमिश्नर रविदत्त गौड़ के निर्देशानुसार एडीसीपी नाजिम अली और एसीपी छवी शर्मा के सुपरविजन और एसएचओ कैलाश पारीक के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई. डीएसटी और साइबर सेल को टीम में शामिल किया गया. ज्वेलर को आए विदेशी नंबर की साइबर एक्सपर्ट ने तकनीकी जांच की तो आरोपी के गुरसराय जिला झांसी उत्तर प्रदेश में होने की सूचना मिली. सूचना मिलने पर उत्तर प्रदेश पहुंची टीम एक किशोर को दस्तयाब कर जोधपुर लाई. आरोपी ने पूछताछ में जुर्म स्वीकार कर लिया. आरोपी नाबालिक ने बताया कि उसने अपने मोबाइल में एक ऐप के माध्यम से कॉल और मैसेज किया था. 


व्हाट्सएप पर लगाई लॉरेंस बिश्नोई की फोटो
आरोपी ने प्रोफाइल फोटो में लॉरेंस बिश्नोई की फोटो लगाई गई थी. घटना के दिन उसने गूगल पर जोधपुर के बड़े-बड़े ज्वेलर्स के नाम सर्च किये, जिसमें उसे सुदर्शन ज्वेलर्स के मालिक का नंबर मिला. आरोपी ने सुखदेव गोगामेड़ी हत्याकांड से प्रेरित होकर इस घटना को अंजाम दिया था. इस कार्रवाई में एसएचओ कैलाश पारीक, डीएसटी प्रभारी कन्हैया लाल, नेमीचंद व राकेश सिंह, हेड कांस्टेबल ओमप्रकाश और जितेंद्र सिंह, कांस्टेबल पुखराज, ताराचंद, रामलाल और देवेंद्र शामिल थे.



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