Robbery Case in Jaipur: राजस्थान पुलिस को डकैती कांड में बड़ी सफलता हासिल हुई है. प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस ने खुलासा किया कि वारदात को अंजाम देनेवाले 18 डकैतों में 13 पुरुष और 5 महिला शामिल थे. पुलिस के मुताबिक डकैती का मास्टरमाइंड रणजीत थापा नेपाल का रहने वाला है. हरीश जयपुर में नेपाली नौकर उपलब्ध करवाता है. हरीश का नेपाल आना जाना लगा रहता था. नेपाल में उसकी मुलाकात रणजीत थापा से हुई थी. वारदात को अमलीजामा पहनाने की योजना नेपाल में बनी.


नेपाल का नौकर डकैती कांड का मास्टमाइंड


रणजीत थापा ने हरीश को बताया कि जयपुर में उसका साला दिनेश रईस परिवार के घर 2019 से काम करता था. रईस परिवार के पास लाखों रुपए हैं और डकैती को अंजाम दिया जा सकता है. रंजीत थापा ने हरीश से 40 हजार रुपए एडवांस देने को कहा. हरीश ने डकैती को अंजाम देने के लिए महिलाओं को घर पर नौकर बनाकर भिजवा दिया. डकैती को अंजाम देने के लिए गाड़ियों की व्यवस्था रणजीत थापा को करनी थी. उसने अपने पारिवारिक लोगों को योजना में शामिल किया और 2 मई की शाम 8:00 बजे घटना को अंजाम दे डाला.


मामला जयपुर के करणी विहार थाना क्षेत्र का है. 3 मई को मैथिली शरण शर्मा नाम के एक व्यक्ति ने करनी नगर थाने में रिपोर्ट लिखाई. रिपोर्ट के मुताबिक फॉर्म हाउस वाले घर में मैथिली शरण शर्मा, पत्नी मंजू, पुत्र मोहित, बेटी डॉक्टर मोनिका और उसका बच्चा रहते हैं. फॉर्म हाउस की देखभाल के लिए डेढ़ महीना पहले कुछ नेपाली नौकरों को नौकरी पर रखा गया था. नौकरों में अनिल रूद्र, लक्ष्मी संध्या समेत पांच लोग शामिल थे. सभी को पूर्व नौकर दिनेश के बहनोई की जानकारी से रखा गया था.


नौकर दोनों जगह फॉर्म हाउस और घर का काम करते हैं. अचानक 2 मई को नौकर रूद्र ने बोला कि कोई मिलने आया है. तब तक छह सात लोग हाथ में चाकू लिए घर में घुस गए और मैथिली शरण और उसके बेटे मोहित के हाथ पैर बांध दिए. बदमाशों ने मारपीट के बाद 3 घंटे तक पूरे को घर को छान मारा और ट्रॉली बैग, छोटे सूटकेस में जेवरात भरकर भाग गए. हालांकि डकैती की पहली कोशिश 17 अप्रैल को हुई थी. रणजीत थापा अपने साथ एसबी संतोष, नारायण, आरटी ठाकुर, हेमा और तपेंद्र को डकैती करने के लिए नेपाल से लाया था. 


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रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुष्टि हो चुकी थी कि घटना को अंजाम देने वाले लोग नेपाल के हैं. लिहाजा नेपाल जाने वाले रास्तों पर नाकेबंदी करवाई गई. मामले की गंभीरता को देखते हुए सहायक पुलिस आयुक्त वैशाली नगर आलोक कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया. पुलिस टीमों को बचेली रास्ते रूपा देहि और बहराइच के लिए तुरंत रवाना किया गया. गौरीफंटा नामक स्थान पर पुलिस उप निरीक्षक राजेश गाड़ियों को चेक कर रहे थे. सामने से 5 लोगों को भरकर एक वैगनआर आ रही थी. पुलिस ने गाड़ी को रोकने का प्रयास किया. गाड़ी रुकी नहीं तब पुलिस ने पीछा करते हुए जंगलों में पकड़ लिया.


18 बदमाशों में 13 पुरुष और 5 महिलाएं शामिल


गाड़ी से एक बदमाश भागने में कामयाब हो गया. अब चार डकैतों को धर लिए जाने के बाद पुलिस और भी आरिपियों की तलाश में जुट गई है. पुलिस उपायुक्त जयपुर पश्चिम रिचा तोमर ने बताया कि डकैती कांड का पर्दाफाश करने में 35 पुलिसकर्मियों की टीम ने काम किया. पुलिस ने 3 डकैतों से  360000 नगद और 150 सोने चांदी के जेवर बरामद किए हैं. डकैतों से और भी खुलासे होने की उम्मीद है.18 बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया था. 


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