Rajasthan Crime News: व्हाट्सऐप पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की फोटो लगाकर सरकारी कर्मचारियों को ठगने का प्रयास करने वाला एक गिरोह सक्रिय है. राजस्थान पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई है. शुरुआती जांच में माना जा रहा है कि तेलंगाना का कोई गिरोह शामिल है. पुलिस ने बताया कि ठग गिरोह राज्य में तैनात भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों की फोटो व्हाट्सऐप की डीपी में लगाकर अधीनस्थ कर्मचारियों को ठगने का प्रयास कर चुका है.
डीपी में सीएम की फोटो लगाकर ठगी की कोशिश
अधिकारियों ने बताया कि ठगी का ताजा मामला बाड़मेर में सामने आया है. एक अज्ञात ठग ने बाड़मेर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओपी विश्नोई को मोबाइल नंबर से व्हाट्सऐप कॉल किया. व्हाट्सऐप की डीपी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तस्वीर थी. अधिकारी ने कॉल का जवाब नहीं दिया. बाद में आरोपी ने एक संदेश भेजकर 30 वस्तुओं की ऑनलाइन खरीद के बदले तीन लाख रुपये का ऑनलाइन भुगतान करने को कहा.
निशाने पर राजस्थान सरकार के अधीनस्थ कर्मी
बिश्नोई ने कहा, "स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी का प्रयास था. इसलिए मैंने इसका जवाब नहीं दिया. क्योंकि मुख्यमंत्री के नाम और डीपी का दुरुपयोग किया जा रहा था, इसलिए मैंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को सूचित किया." हालांकि, उन्होंने प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई. गौरतलब है कि पहले भी राज्य के मंत्रियों, आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की फोटो व्हाट्सऐप डीपी में लगातार अधीनस्थ कर्मचारियों को ठगने का प्रयास हो चुका है.
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कंप्यूटर इंजीनियर आंध्र प्रदेश से हुआ गिरफ्तार
अप्रैल माह में एक युवक ने तिजारा (अलवर) के विधायक संदीप यादव से व्हाट्सऐप पर संपर्क किया. प्रोफाइल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की एक फोटो लगी थी. संक्षिप्त बातचीत के बाद आरोपी ने विधायक से गूगल पे के माध्यम से 30,000 रुपये जमा करने को कहा. पुलिस ने मामले में 28 वर्षीय कंप्यूटर इंजीनियर को आंध्र प्रदेश से गिरफ्तार किया.
इसी सप्ताह, राज्य के पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर के नाम से लोगों को फर्जी संदेश भेजने का मामला सामने आया था. राज्य पुलिस ने दो मोबाइल नंबर साझा करते हुए लोगों से सतर्क रहने, ऐसे किसी भी संदेश पर ध्यान नहीं देने और सूचना तुरंत पुलिस को देने को कहा.
इसी तरीके से अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दिनेश एमएन के नाम पर ठगी करने का प्रयास किया गया. ठग ने व्हाट्सऐप नंबर में दिनेश की फोटो लगाकर विभाग के अधिकारियों को संदेश भेजे और खुद को बैठक में व्यस्त बताकर अधिकारियों से धनराशि, गिफ्ट वाउचर मांगे. मामला संज्ञान में आने के बाद दिनेश एमएन ने लोगों को इस बारे में आगाह किया.
मामलों की जांच के लिए विशेष टीम बनाई गई
जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मामलों की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है और ऐसा लगता है कि तेलंगाना का ठग गिरोह वारदात में शामिल है. अधिकारी ने कहा, ‘‘जयपुर में हाल की धोखाधड़ी के प्रयासों को देखते हुए, आरोपियों की पहचान के लिए एक टीम का गठन किया गया है. शुरुआती जानकारी के अनुसार, ऐसे मामलों के पीछे तेलंगाना का एक गिरोह सक्रिय हो सकता है.’’