E-Evidence App Launch by Rajsathan Police: देशभर में 1 जुलाई से नए आपराधिक कानून लागू किए गए है. इन्हीं कानूनों के तहत डिजिटल साक्ष्यों को एप के माध्यम से संकलित कर उन्हें क्लाउड पर स्टोरेज करने के लिए राजस्थान पुलिस द्वारा नई शुरुआत की गई है. इसे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र एनआईसी के हिसाब से तैयार किया गया है. जिसे शुक्रवार को पूरे प्रदेश के लिए लांच कर दिया गया.


एप से अनुसंधान अधिकारी साक्ष्यों को डिजिटल फार्म में रिकॉर्ड कर सकेंगे
पुलिस महानिदेशक साइबर अपराध एवं एससीआरबी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि नए क्रिमिनल लॉ के तहत भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) में किसी भी अपराध से संबंधित एविडेंस को डिजिटल रूप में संकलित सुरक्षित करने का प्रावधान किया गया है. इस एप को अनुसंधान अधिकारी अपने मोबाइल पर इंस्टॉल करके घटना से संबंधित साक्ष्यों को डिजिटल फॉर्म में रिकॉर्ड कर सकेंगे.


सभी प्रकार के सर्च सीजर की वीडियोग्राफी भी इसी एप से की जाएगी. वीडियो की "हेस वैल्यू" तत्समय ही निकल जाएगी. जिसे न्यायालय में पहुंचने तक सुरक्षित रखा जाएगा. वहीं इस एप पर संकलन साक्ष्यों को सीधे क्लाउड पर डाल दिया जाएगा. ऐसे में क्लाउड पर डिजिटल साक्ष्यों से किसी प्रकार की छेड़खानी नहीं की जा सकेगी और पारदर्शी तरीके से अनुसंधान का मार्ग प्रशस्त होगा. 


सफल परीक्षण के बाद पूरे प्रदेश में एप यूज करने का आदेश 
हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि इस एप को शुक्रवार से पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है. इससे पूर्व प्रदेश के अलग-अलग पुलिस जिलों से 4000 ट्रायल वीडियो मंगवाकर इस एप का परीक्षण किया गया है. सफल परीक्षण के बाद इस एप को पूरे प्रदेश में उपयोग के लिए पुलिस मुख्यालय से निर्देश जारी किए गए हैं. आज के बाद प्रदेश में फील्ड में गठित होने वाली घटनाओं के बारे में साक्ष्य की रिकॉर्डिंग इस एप के माध्यम से होगी यह एप पूरी तरह सुरक्षित है.


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