राजस्थान पुलिस करेगी सोशल मीडिया की निगरानी, सुसाइड की मंशा वाले मैसेज पर लिया जाएगा एक्शन
Rajasthan Police News: राजस्थान पुलिस ने एक विशेष मुहिम शुरू की है. इसके तहत प्रदेश के सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स की पुलिस निगरानी करेगी. इसको लेकर डीजीपी ने विशेष निर्देश जारी किए हैं, जानें पूरी वजह?
Rajasthan News Today: राजस्थान पुलिस ने एक विशेष पहल शुरू की है. जिसके तहत अब पुलिस सोशल मीडिया पर पूरी निगरानी रखेगी. इस संबंध में राजस्थान के पुलिस महानिदेशक उत्कल रंजन साहू ने पूरी जानकारी दी.
जानकारी के अनुसार, मानसिक अवसाद की स्थिति में प्रतिक्रिया या आत्महत्या की मंशा या भावना लिए हुए पोस्ट का त्वरित विश्लेषण किया जाएगा. जिससे संकटग्रस्त मानव जीवन को बचाने की हरसंभव कोशिश की जा सके.
सोशल मीडिया निगरानी पर पुलिस का तर्क
इसके तहत फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस प्रकार के संदेश मिलने पर तकनीकी विश्लेषण किया जाएगा. इस विश्लेषण के बाद फौरन पीड़ित तक पहुंचकर उन्हें समझाया जाएगा और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाएंगे.
पुलिस महानिदेशक उत्कल रंजन साहू ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य अवसाद या निराशा की स्थिति में आत्मघाती कदम उठाने की मंशा वाले व्यक्तियों तक पहुंचकर अनमोल मानवीय जीवन की रक्षा करना है.
डीजीपी ने जारी किए विशेष निर्देश
इस संबंध में जयपुर और जोधपुर के पुलिस आयुक्त और पुलिस उपायुक्त, महा निरीक्षक, स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, जीआरपी जोधपुर, अजमेर सहित समस्त जिलों के पुलिस अधीक्षकों के लिए आदेश जारी करते हुए विशेष निर्देश दिए गए हैं.
पुलिस अधिकारियों के जरिये फेसबुक, इंस्टाग्राम सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस प्रवृत्ति के संदेशों का विश्लेषण किया जाएगा. इसके बाद उनमें से संदिग्ध स्थितियों वाले प्रकरणों को तत्काल पुलिस मुख्यालय पर ई-मेल से सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं.
पुलिस कैसे करेगी मदद?
पुलिस मुख्यालय में स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के जरिये संचालित (24X7) हेल्प डेस्क पर प्राप्त इस ई-मेल के आधार पर पीड़ित व्यक्ति के मोबाइल नंबर, आईपी एड्रेस, नाम और पोस्ट में डाले गए संदेश का पता लगाया जाएगा.
एससीआरबी की ओर से इस तरह की जानकारी को तत्काल संबंधित थाने के ड्यूटी ऑफिसर के साथ शेयर किया जाएगा. इसके बाद संबंधित थाने के प्रभारी प्राप्त सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़ित व्यक्ति तक पहुंचकर मदद की कोशिश करेंगे.
इस दौरान थाने के पुलिसकर्मियों के जरिये मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पीड़ित और उसके परिवारजनों को समझाइश देंगे. पुलिस इसके जरिये किसी अनहोनी को रोकने का प्रयास करेगी.
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