Bhilwara Bhatti Kand: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी में बीते दिनों 14 साल की नाबालिग लड़की के साथ आरोपियों ने गैंगरेप के बाद भट्टी में जिंदा जला दिया. इस मामला पुलिस के लिए चुनौती बनता जा रहा है. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन गवाह और साक्ष्य के अभाव में कार्रवाई चुनौती बन गई है. ये बातें खुद अजमेर रेंज की आईजी लता मनोज कुमार ने जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय सभागार में मीडिया से बताई. 


भीलवाड़ा जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आईजी लता मनोज कुमार ने बताया कि पुलिस ने कोटड़ी में हुए भट्टी हत्याकांड के 4 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है. इस हत्याकांड में शामिल 2 महिलाओं सहित दूसरे फरार आरोपियों की तलाश जारी है. इसके अलावा कोटड़ी थाना पुलिस अधिकारी शिवराज गुर्जर के साथ डीओ को सस्पेंड कर दिया गया है. 


कोटड़ी हत्याकांड की जांच भवरी देवी के तर्ज पर की जाएगी- आईजी


आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य संकलन इकट्ठा करने को लेकर आईजी लता मनोज कुमार ने बताया कि पुलिस के पास आई एविडेंस नहीं होने से बड़ी समस्या बनेगी. उन्होंने कहा कि भवरी देवी हत्याकांड में जिस प्रकार पुलिस के द्वारा हर पहलू से जांच कर साक्ष्य जुटाए गए और आरोपियों को सजा दिलाई गई थी, कोटड़ी भट्टी हत्याकांड में भी इसी तरह कार्रवाई करके आरोपियों को कानून के शिकंजे में दबोचने के लिए भीलवाड़ा पुलिस जुटी हुई है. 


भवरी देवी हत्याकांड में सीबीआई ने ऐसे किया था खुलासा


बता दें कि सितंबर 2011 में भवरी देवी हत्याकांड पुलिस के सामने चुनौती बनी हुई थी. इस हत्याकांड में भवरी देवी की हत्या कर आरोपियों ने शव को जला दिया था और सुबूत मिटाने के लिए उसकी राख को नदी में बहा दिया था. इस मामले की सीबीआई ने बारीकी से जांच करते हुए बड़ा खुलासा किया था. मामले में शामिल मुख्य आरोपियों के नामों का खुलासा करते हुए सीबीआई ने महिपाल मदेरणा, मलखान सिंह, परसराम विश्नोई, इंद्रा विश्नोई, भंवरी के पति अमरचंद, सोहनलाल, कुंभाराम, शहाबुद्दीन सहित 17 लोगों को अपहरण और हत्या में साजिश रचने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया था. 


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