Kota News: राजस्थान (Rajasthan) सहित पूरे देश में 21वीं सदी में भी शादी की रस्मों और दहेज प्रथा (Dowry) समाज के लिए नासूर बन गया है. सरकार और निजी संस्थाएं लगातार समाज में अभियान चला कर जागरुकता फैलाने कोशिश कर रही हैं. वहीं कोटा (Kota) के सुल्तानपुर में बगैर दहेज के शादी कर के पुलिस कांस्टेबल ने एक अनूठी मिसाल पेश की है. उनके इस पहल की लोग खूब तारीफ कर रहे हैं.
दरअसल जिले के जैतपुर गांव के निवासी पुलिस कांस्टेबल मुकेश मीणा ने अपनी शादी में ससुराल पक्ष से बगैर दहेज और गिफ्ट के शादी करने की शर्त रखी. जहां मुकेश मीणा और सुमन कुमारी की शादी धूमधाम से संपन्न हुई. शादी में वर पक्ष के मुकेश मीणा, दूल्हे के बड़े भाई नरेश मीणा और पिता साबू लाल ने दहेज प्रथा को अभिशाप और अनुचित मानते हुए कुछ भी नहीं लेने का फैसला किया. शादी में शगुन के रुप में मात्र 1 रुपए और नारियल लेकर शादी संपन्न हुई.
गिफ्ट भी स्नेहपूर्वक लेने से किया मना
इस पहल को लेकर दूल्हा मुकेश मीणा ने बताया कि शादी से पहले ही उन्होंने कन्या पक्ष और उसके रिश्तेदारों से कोई दहेज नहीं लेने की बात कही थी. हालांकि फिर भी शादी के दिन कन्या के परिजन और रिश्तेदारों ने कन्यादान के नाम पर रस्म के रुप में गिफ्ट और सामान देने की कोशिश की गई. जिसे मैंने और परिजनों स्वेच्छा से स्नेहपूर्वक लेने से इनकार कर दिया गया. बगैर दहेज के संपन्न हुई ये अनूठी शादी पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई, जिसकी सभी तारीफ कर रहे हैं.
समाज के लिए अच्छी पहल- ग्रामीण
दूल्हे के परिजनों ने बताया कि शादी की रस्मों को पूरा करने के लिए मात्र एक रुपए और नारियल लेकर शादी को सकुशल संपन्न करवाया गया. शादी में कन्या पक्ष और रिश्तेदारों के द्वारा दिए गए गिफ्ट और गृहस्थी के सामान को भी दूल्हा पक्ष ने स्नेहपूर्वक लेने से मना करते हुए वहीं छोड़ दिया. साबू लाल प्रतिहार (दूल्हे के पिता) और रामवतार ने इसको समाज के लिए एक संदेश बताते हुए कहा कि बेटी हर घर का चिराग होती है उसे किसी गरीब पिता की मजबूरी नहीं समझा जाना चाहिए. गांव वालों ने भी इस पहल की सराहना करते हुए समाज के लिए अच्छी पहल बताया है.
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