Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में सियासी संग्राम, गहलोत गुट ने कहा- 102 में से किसी को बनाए CM लेकिन सचिन पायलट मंजूर नहीं
Rajasthan News: कांग्रेस विधायक डॉक्टर महेश जोशी से मुख्यमंत्री पद पर सचिन पायलट की स्वीकार्यता के सवाल पर कहा कि उन लोगों को ऐसा कोई भी व्यक्ति स्वीकार नहीं है, जिसने सरकार गिराने की कोशिश की हो.
जयपुर: राजस्थान में अशोक गहलोत खेमे के विधायकों ने यह साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर उन्हें सचिन पायलट मंजूर नहीं है. प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉक्टर महेश जोशी ने एबीपी न्यूज से कहा कि जिन लोगों की पार्टी के प्रति निष्ठा असंदिग्ध है, हाईकमान उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा दे, हम उस फैसले को मान लेंगे. उन्होंने कहा कि जिन लोगों की पार्टी के प्रति निष्ठा संदिग्ध है, वैसे लोग उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार्य नहीं हैं.
एबीपी से क्या बोले डॉक्टर महेश जोशी
कांग्रेस विधायक और कैबिनेट मंत्री डॉक्टर महेश जोशी से मुख्यमंत्री पद पर सचिन पायलट की स्वीकार्यता के सवाल पर कहा,'' हमें ऐसा कोई व्यक्ति स्वीकार नहीं है, जिसने सरकार गिराने की कोशिश की हो.'' उन्होंने कहा कि जिन लोगों की निष्ठा असंदिग्ध है, हाईकमान उनमें से किसी को भी बनाए,वह हमें स्वीकार्य होगा. उन्होंने यह भी कहा कि हाईकमान का अंतिम फैसला हमें मंजूर होगा.
अजय माकन की ओर से विधायकों पर लगाए गए अनुशासनहीनता के आरोपों पूछा. इस सवाल के जवाब में डॉक्टर जोशी ने कहा कि अगर नोटिस मिलेगा तो हम जवाब देंग और हम अपने काम और अपनी निष्ठा साबित करेंगे. उन्होंने कहा कि जवाब मांगना उनका अधिकार है. उन्होंने कहा कि हमने कभी भी अपनी निष्ठा पर आंच नहीं आने दी.
कैसे और क्यों हुई विधायकों की बैठक
रविवार को हुई कांग्रेस विधायकों की बैठक के सवाल पर उन्होंने कहा, ''हमने कोई औपचारिक बैठक नहीं कि है, जैसा कि प्रचारित किया जा रहा है.'' उन्होंने कहा कि पार्टी के विधायकों की बैठक में क्या कहना है क्या करना है, यह तय करने के लिए वह अनौपचारिक बैठक की गई थी. वह कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं थी. उन्होंने कहा कि वह एक तरह की सोच रखने वाले लोगों का आपसी विचार-विमर्श था.
डॉक्टर जोशी ने कहा, ''इस अनौपचारिक बैठक में इतनी सारी शंकाएं आई, जिससे लगा कि एक-एक विधायक अगर इतनी बातें विधायक दल की बैठक में बोलेगा तो वह ठीक नहीं रहेगा. इसलिए विधायकों की शंकाओं को 2-3 प्वाइंट में समेटा. इसके बाद चार लोगों ने जाकर हाईकमान के प्रतिनिधियों के सामने उन शंकाओं को रखा.हमने उनसे कहा है कि इन शंकाओं से हाईकमान को अवगत कराकर उनसे आदेश लें ले. हमें एक लाइन का प्रस्ताव पारित करने में ऐतराज नहीं है. लेकिन हमारी शंकाओं का समाधान आपके स्तर पर होना चाहिए.''
इन शंकाओं को प्रस्ताव का हिस्सा बनाने के दबाव के अजय माकन के आरोपों पर जोशी ने कहा कि हमने इसे प्रस्ताव का हिस्सा बनाने की बात कभी नहीं की. उन्होंने कहा कि या तो वो हमारी बात ठीक से समझ नहीं पाए या हम उन्हें ठीक से समझा नहीं पाए.
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