Udaipur News: राजस्थान में कुछ दिनों से चले सियासी घमासान अभी भी नहीं थमा है. राष्ट्रीय नेतृत्व से गहलोत ने माफी मांगी और राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए मना कह दिया है. ऐसे में विधायकों द्वारा गत दिनों दिए गए इस्तीफे के बारे में जयपुर से उदयपुर लौटीं जिले के वल्लभनगर विधानसभा की विधायक प्रीति शक्तावत ने मीडिया के सामने खुलकर बात रखी. इस पूरे घटनाक्रम के पीछे मंत्री सहित अन्य नेताओं को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने यह तक कह दिया कि मैं तो नौसिखिया हूं, बुलाकर इस्तीफे पर हस्ताक्षर करवा दिए जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का इससे कोई लेना-देना नहीं है. 


'बैठक में बुलाया और इस्तीफे ओर हस्ताक्षर करवा दिए'
विधायक प्रीति शक्तावत ने कहा कि कुछ नेताओं की वजह से प्रदेश का माहौल बिगड़ा है. घटनाक्रम पर शक्तावत ने कहा, "विधायक दल की बैठक में मुझे जयपुर बुलाया था. थोड़ी देर रुकने को कहा और इस्तीफे पर हस्ताक्षर करवा दिए. मैं नौसिखिया हूं. बड़े शीर्ष के नेताओं से वहां सवाल नहीं पूछती. इसलिए हस्ताक्षर कर दिए. बिना सीएम की जानकारी के इस्तीफे पर हस्ताक्षर करवाए जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था जो फैसला आलाकमान करेंगे वहीं होगा. इसके लिए पहले राय मशविरा करना चाहिए था. गहलोत का इसमें कोई दोष नहीं है. मंत्री शांति धारीवाल को नोटिस मिल चुका है." 


'बार-बार गद्दार कहने पर दिल दुखा है'
प्रीति शक्तावत ने आगे कहा, "बार-बार गद्दार कहा जा रहा है. बुरा लगा और गुस्से के साथ आखों में आंसू भी आए. क्योंकि पार्टी में बात मनवाने के किये परिवार के लोग ऐसा करते हैं. जहां तक इस्तीफे की बात है तो रोज विधानसभा में पत्र लिखती हूं. अगर स्पीकर ने हमे बुलाया तो इस्तीफा वापस ले लेंगे."


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