Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर मचे घमासान के बीच कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधायकों से मुलाकात की. सूत्रों के अनुसार इस मुलाकात में डोटासरा ने विधायकों से यह बात मनवाने की कोशिश की कि यह प्रस्ताव पारित हो सके कि पार्टी इकाई, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को राज्यके सीएम पर निर्णय के लिए अधिकृत कर रही है. हालांकि विधायकों ने उनकी बात नहीं मानी.
सूत्रों के अनुसार गोविंद सिंह डोटासरा विधायकों को प्रस्ताव पारित करवाने के लिए मनाने गए थे मगर विधायकों ने ये कह कर मना कर दिया था कि हम नहीं जाएंगे. सूत्रों का दावा है कि विधायकों ने कहा कि गहलोत साहब तो सोनिया गांधी के सामने चुप हो जाएंगे और फंस हम जाएंगे.
गहलोत राजस्थान के मजबूत नेता- अल्वी
उधर, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन दोनों आज दिल्ली आएंगे और शीर्ष नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपेंगे. सूत्रों का दावा है कि नाराज विधायक पर्यवेक्षकों से मिलने को तैयार नहीं हैं. हाईकमान से चर्चा के बाद अगले कदम पर फैसला होगा.
इसके अलावा राजस्थान की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा- राजस्थान की जो स्थिती बहुत चिंताजनक है. विधायक जो चाहते है वही आलाकामन को करना चाहिए. 2 ही राज्य में सरकार है. गहलोत राजस्थान के मजबूत नेता हैं.
हालांकि माना जा रहा है कि सीएम अशोक गहलोत, विधायकों के रुख से खफ़ा हैं. सीएम अशोक गहलोत के करीबी सूत्रों के मुताबिक विधायकों ने किया वो सही नहीं था. विधायकों को सोनिया गांधी के भेजे पर्यवेक्षकों के सामने विधायक दल की बैठक में आना चाहिए था. गहलोत भी ये चाहते थे कि सभी विधायक पर्यवेक्षकों के सामने आकर विधायक दल की बैठक में शामिल हों और वहीं पर अपनी राय रखें, उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विवेक पर मुख्यमंत्री का फैसला छोड़ दें.