Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में विधायकों के बागी रुख के बाद अब राज्य के नए मुख्यमंत्री को लेकर चर्चा तेज हो गई है. हालांकि अभी इस फैसले में देरी हो सकती है. माना जा रहा है कि पहले कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होगा और फिर सीएम पद को लेकर फैसला हो सकता है. कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए 30 सितंबर तक नामांकन होगा. सूत्रों का दावा है कि इसके बाद ही नए सीएम के नाम पर निर्णय होगा.


राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के अध्यक्ष बनने की चर्चा के बीच यह मांग तेज हो गई थी कि वह अपने पद से इस्तीफा देकर नामांकन करें. खुद राहुल गांधी ने भी एक व्यक्ति एक पद की वकालत की थी, जिसके बाद माना जा रहा था कि गहलोत इस्तीफा देंगे और राजस्थान को नया सीएम मिलेगा. खुद सचिन पायलट ने भी एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत का हवाला देते हुए गहलोत को इस्तीफा देने के संकेत दिए थे.


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गहलोत अध्यक्ष नहीं भी बने तब भी राजस्थान में परिवर्तन!
हालांकि इन सबके बीच गहलोत गुट के विधायकों ने बगावत कर दी और स्पष्ट कहा कि 102 विधायकों में से किसी को सीएम बनाया जाए लेकिन सचिन पायलट बतौर मुख्यमंत्री स्वीकार नहीं होंगे.


दीगर है कि राजस्थान में गहलोत गुट की बगावत के बीच AICC के पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखित रिपोर्ट देंगे. माना जा रहा है कि अगर गहलोत अध्यक्ष नहीं भी बने तब भी राजस्थान में परिवर्तन हो सकता है. कांग्रेस हाईकमान के करीबी सूत्रों का कहना है कि गहलोत के समर्थन में हुई गोलबंदी इसलिए हुई क्योंकि वह तब तक अध्यक्ष पद की रेस में थे.



उधर ,राजस्थान में कांग्रेस नेता और सचिन पायलट के करीबी विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा है कि सचिन पायलट ने सोनिया गांधी से मुलाकात के लिए वक्त मांगा है. उन्होंने दावा किया है कि अब गहलोत के सीएम रहने और अध्यक्ष बनने में संशय है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग ने पार्टी के अंदर अनुशासन को तोड़ा है. अब लोग कह रहे है कि हम आलाकमान के साथ हैं. बैरवा ने कहा कि अगर गहलोत के साथ विधायक नहीं है तो वो इस्तीफा दे दें.


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