Rajasthan Politics: राजस्थान में एक बार फिर सियासी हवा बदल सी गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार (CM Ashok Gehlot Government) पर दबाव बनता दिख रहा है. सोमवार को जाट महाकुम्भ (Jaat Mahakumbh) में कई नेताओं ने सरकार पर इशारों-इशारों में हमला बोल दिया है. वहीं पिछले सात दिनों से धरना दे रहीं वीरांगनाओं ने सोमवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Former Deputy CM Sachin Pilot) से मुलाकात की है. सचिन पायलट ने कल की पुलिस की बदसलूकी पर बयान दिया है.


उन्होंने कह दिया है कि अधिकारी जिम्मेदार हैं, उनपर सरकार को कार्रवाई करनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि वीरांगनाओं के साथ ठीक नहीं हुआ है. उनकी मांग पूरी करने में थोड़ा समय लगे ठीक है लेकिन उनके साथ जो व्यवहार पुलिसवालों ने किया है वो ठीक नहीं है. इससे अलग-अलग संदेश जा रहे है. जाट महाकुम्भ में सरकार पर हमला बोला गया है. 


सचिन के घर कैसे पहुंचीं वीरांगनाएं
बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा (Rajyasabha MP Kirori Lal Meena) इन वीरांगनाओं के साथ पिछले छह-सात दिनों से जयपुर के शहीद स्मारक (Memorial) पर धरने पर बैठे हैं. लेकिन राज्यपाल (Governor) से मिलने के बाद जब मुख्यमंत्री आवास (Chief Minister's Residence) की तरफ ये वीरांगनाएं जा रही थीं तो उसी दौरान पुलिस ने बदसलूकी की. उसके बाद सोमवार को राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) ने उस मसले पर सफाई भी दी है. फिर भी मामला बिगड़ता गया.



पायलट ने की पुलिस कर्मियों पर कठोर कार्रवाई की मांग
सोमवार को सचिन पायलट के यहां होली मिलन समारोह (Holi Get Together) हो रहा था ठीक उसी समय वीरांगनाएं सचिन पायलट के सिविल लाइन सरकारी आवास (Civil Lines Government House) पर पहुंच गईं. आवास में पायलट से मुलाकात की है. उसके बाद सचिन पायलट ने उनकी बात सुनने के बाद उन पुलिस कर्मियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है और अब इससे एक नया सियासी माहौल तैयार हो गया है. बता दें कि वीरांगनाओं के साथ बीजेपी के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा मोर्चे पर डटे हैं.


जाट महाकुम्भ में भी सरकार को बनाया निशाना
इस साल 23 साल बाद 6 मार्च को जाट महाकुम्भ का आयोजन हुआ. इसमें कई जाट नेता आए थे. सालों बाद जाटों को एक मंच पर आने का अवसर मिला. यहां से कई मंत्री जैसे हेमाराम चौधरी (Hema Ram Chaudhary) और जाट नेता राजाराम मील (Rajaram Mil) ने सरकार पर बड़ा हमला बोला है. हेमा राम चौधरी ने कहा हम मंत्री हैं लेकिन हमारे पास ताकत नहीं है. हम कैसे काम कराएं. एक तरह से उन्होंने सरकार पर हमला बोला है. अपने समाज के लोगों के सामने उन्होंने सरकार को कठघरे में खड़ा करने की बात की है.


वहीं जाट नेता राजराम मील ने कहा कि पहले हमारे समाज के पास मजबूत नेता थे. ताकत सरकारों के पास हैं. वो हमारे नेताओं को मजबूत नहीं होने दे रहे. उन्होंने कहा कि सरकारों ने हमारे नेताओं को कमजोर किया इसलिए जाट महासभा का आयोजन करना पड़ा. उन्होंने कहा कि सरकारें हमें कमजोर आंकने लगीं हैं. इसलिए सभी नेताओं को एक मंच पर लाने का काम किया गया. अब हमारी ताकत को देखना पड़ेगा. आरक्षण को 21 प्रतिशत से 27 प्रतिशत करने की मांग की गई. 


ये दो बातें बदल रही हवा
बता दें कि राजस्थान में बजट पेश करने के बाद अशोक गहलोत सरकार एक तरह से राहत की सांस ले रही थी. लेकिन वीरांगनाओं के धरने और जाट महाकुम्भ के आयोजन से अब हवा बदलने की बात सामने आ रही है. ये दो बातें सरकार को दबाव में ला रही हैं.


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