कोटा: एसीबी द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद भी उनके नाम उजागर नहीं करने,उनके फोटो और वीडियो सार्वजनिक नहीं करने के मामले को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. चारो तरफ से इसका विरोध खुलकर सामने आने लगा है.कांग्रेस के ही विधायक भरत सिंह इस पर पहले ही हमला कर चुके हैं.इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष गोविंद टोडासरा भी खुलकर सामने आए हैं.अब बीजेपी के पूर्व समाज कल्याण मंत्री और रामगंजमंडी के विधायक मदन दिलावर ने भी तीखा हमला बोला है.
बीजेपी विधायक ने क्या आरोप लगाए हैं
उन्होंने यहां तक आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को खुली छूट दे दी है ताकि पकड़े जाने पर सरकार उनसे बारगेनिंग कर करोड़ों रुपया वसूल सके.उन्होंने कहा कि एमएलए को भी छूट दे दी गई है कि वह खुलकर पैसा कमाए और झोलियां भरें ताकि राहुल गांधी को पहुंचाई जा सकें.मदन दिलावर ने कहा कि रंगे हाथों पकड़े जाने पर भी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो नाम उजागर नहीं करेगी, यह किस कानून में लिखा है.यह सुप्रीम कोर्ट का आदेश है या भारत सरकार का.मुख्यमंत्री ने तर्क दिया है कि यह सुप्रीम कोर्ट की तहत हुआ है.वह कह रहे हैं कि इससे मानव अधिकारों का हनन होगा यानी अब भ्रष्टाचारियों के भी अधिकार हो गए हैं.उन्होंने पूछा कि कांग्रेस सरकार किसे बचाने का प्रयास कर रही है.
क्या सरकार बचा रही है अधिकारियों को
दिलावर ने कहा कि ऐसा पहली बार देखने में आया है कि सरकार अधिकारियों को बचा रही है.ऐसे अधिकारियों को सरकार कैसे पोस्टिंग दे सकती है.यह और कुछ नहीं स्वयं मुख्यमंत्री के आदेश है कि अधिकारियों को मत पकड़ो ताकि बारगेनिंग कर पैसा वसूला जा सके.मदन दिलावर ने कहा कि आने वाले समय में बलात्कारियों, हत्यारों और गंभीर अपराध करने वालों के नाम भी यह सरकार उजागर नहीं करेगी ताकि पूरे प्रदेश में अपराध का तांडव हो सके.दिलावर ने कहा कि सीएम साहब हम समझ गए यह आप ही चाहते हैं कि आप के विधायक और अधिकारी खूब लूट मचाएं ताकि इस पैसे को राहुल गांधी के पास पहुंचाया जा सके.
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