Rajasthan Politics: राजस्थान में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. रोज एक नई कहानी छिड़ जाती है. अब खुद खाद्य और रसद मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) चर्चा में आ गए हैं. ये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के खास माने जाते हैं. पिछले दिनों इन्होंने खुलकर गहलोत के समर्थन में बोला था, लेकिन अब अचानक से इनके सुर बदल गए. चर्चा है कि प्रताप सिंह खाचरियावास 'राजनीतिक लपेटे' में हैं.
अब खाचरियावास को अपने बचाव में ज्यादा बयान देने पड़ रहे हैं. पिछले दिनों पायलट से मुलाकात के बाद खाचरियावास के हावभाव और तेवर दोनों बदल गए हैं. अब ओबीसी आरक्षण में खाचरियावास पर कुछ विधायक आरोप लगा रहे हैं, तो उनका ट्वीट भी आ गया. खाचरियावास को ट्वीट करके लिखना पड़ा कि 'मैंने न कभी ओबीसी आरक्षण का विरोध किया है न करूंगा. एक बार दोबारा कहना चाहूंगा कि यह सिर्फ मुझे बदनाम करने की साजिश है. मैं तो खुद मुख्यमंत्री जी से यह अपील कर चुका हूं कि जल्द से जल्द ओबीसी आरक्षण विसंगतियों को दूर किया जाना चाहिए.'
अध्यक्ष की दौड़ में होना चाहते हैं शामिल
मुखर होकर कुछ दिन पहले तक बोलने वाले प्रताप सिंह खाचरियावास को अब अपने लिए राजनीतिक साजिश लगने लगी है. चर्चा है कि प्रताप राजस्थान में कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में शामिल होने की कोशिश में हैं. इसलिए अब उन्हें राजनीतिक तौर पर घेरा जा रहा है. पिछले दिनों जयपुर में प्रताप की मुलाकात सचिन पायलट से हुई और गहलोत दोनों गुट को साधने में लगे हैं. लेकिन इसी बीच OBC आरक्षण को लेकर इनके सभी प्रयासों पर 'पानी फिरता' नजर आ रहा है.
अब दिल्ली के लिए दौड़
कल प्रियंका गांधी के करीबी आचार्य प्रमोद कृष्णम जयपुर आए थे. उसके बाद से यहां कुछ चर्चित नेताओं के यहां हलचल बढ़ गई. बताया जा रहा है कि अब प्रताप सिंह खाचरियावास खुद दिल्ली दो दिन के अंदर जाने वाले हैं और वहां पर कांग्रेस आलाकमान से मिलकर किसी एक गुट के बारे में पूरी जानकारी देंगे. किसी एक के पक्ष में बैटिंग कर सकते हैं. दो दिन पहले मुख्यमंत्री गहलोत के सलाहकार विधायक संयम लोढ़ा ने खाचरियावास से उनके निवास पर मुलाकात की थी. इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. वहीं, पिछले दिनों खाचरियावास के बयान पर अपनी सहमति देते हुए लोढ़ा ने कहा था कि एसीआर भरने का अधिकार मंत्रियों को मिलना ही चाहिए.
25 सितंबर से बदला है समीकरण
जयपुर में 25 सितंबर को जो 'राजनीतिक ड्रामा' हुआ, उससे पूरा समीकरण बदला हुआ है. उस दिन 92 विधायकों के इस्तीफे का बयान भी खाचरियावास ने दिया था. ऐसे में खाचरियावास, हरीश चौधरी, दिव्या मदेरणा, संयम लोढ़ा, राजेन्द्र सिंह गुढ़ा आदि का मुख्यमंत्री गहलोत को टारगेट करके बयानबाजी करने का अर्थ कुछ और ही लग रहा है. ऐसे में खाचरियावास के दिल्ली जाने की खबर ने यहां पर राजनीतिक हलचल मचा दी है.