Ajmer News : चंद दिनों बाद ही राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) का बजट सत्र (Budget Session 2023) शुरू होगा. ऐसे में ब्यावर को जिला बनाने की बहुप्रतीक्षित मांग को लेकर सियासत गरमा रही है. ब्यावर क्षेत्र में जनता और जनप्रतिनिधियों को अपनी बरसों पुरानी मांग आगामी बजट में पूरी होने की उम्मीद है. सभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) से नए साल में सौगात मिलने की आस लगाए बैठे हैं. सभी की सोच है कि सूबे की सत्ता में वापसी के लिए अंतिम बजट में सीएम जिले का तोहफा अवश्य देंगे.
सीएम गहलोत को सौंपा मांग पत्र
ब्यावर को जिला बनाने की बहुप्रतीक्षित मांग को लेकर कांग्रेस नेता और ब्यावर विधानसभा प्रत्याशी रहे मनोज चौहान ने 200 किलाेमीटर की पदयात्रा की. उन्होंने गत 5 जनवरी को ब्यावर से राजधानी जयपुर के लिए कूच किया था. यात्रा मार्ग में अजमेर जिले के बीजेपी विधायकों ने भी कांग्रेस नेता से मुलाकात कर जिले की मांग पर सहमति जताई.
बीजेपी से ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत और पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत ने जिले की मांग का समर्थन किया. शनिवार को चौहान ने जयपुर सीएम आवास में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर उन्हें मांग पत्र सौंपा. इस दौरान कांग्रेस के पूर्व विधायक माणक डाणी व अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद रहे.
प्रदेश के तेरहवें बड़े शहर की अनदेखी
कांग्रेस नेता मनोज चौहान ने कहा कि ब्यावर राजस्थान का तेरहवां बड़ा शहर है. लेकिन दुर्भाग्य रहा कि आज तक ब्यावर को जिले का हक नहीं मिल सका. यह शहर राजस्थान सरकार को हर साल करीब 2800 करोड़ रुपए का राजस्व अदा करता है, जबकि प्रदेश में 20 ऐसे जिले हैं जो ब्यावर से कम राजस्व देते हैं. जिले के लिए उन्होंने पिछले बजट सत्र से पहले व्यापक हस्ताक्षर अभियान चलाया था.
अनेकों समाज, संस्थाओं और हजारों लोगों ने हस्ताक्षर कर पत्र सौंपे और अभियान का समर्थन किया. बजट से ठीक पहले पार्टी नेताओं ने हस्ताक्षरयुक्त सभी पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंपते हुए जनभावनाओं से अवगत करवाया था. जनता और जनप्रतिनिधियों को उम्मीद थी कि सीएम ब्यावर को जिले की सौगात अवश्य देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.