Rajasthan: इन दिनों राजस्थान की सियासत चर्चा में है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पिछले दिनों सचिन पायलट पर दिए गए बयान से यहां का राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है. वहीं दूसरी ओर सीएम अशोक गहलोत के कंधे पर दोहरी जिम्मेदारी है. जहां एक ओर उन्हें गुजरात में विधान सभा चुनाव में पार्टी के लिए चुनावी रैलियां करनी हैं. वहीं दूसरी ओर राजस्थान में राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' के लिए बेहतर कार्य भी करना है.
सीएम अशोक गहलोत के सामने चूरू की सरदारशहर सीट को बचाने की भी चुनौती है, लेकिन इन सबके बीच वो गुजरात में लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं. कांग्रेस के ऊपर यहां पिछली बार से बेहतर परिणाम दोहराने का दबाव है. इसके चलते दिसंबर में भी उन पर रैलियों का दबाव होगा.
यहां होंगी रैलियां
27 नवंबर को सीएम अशोक गहलोत की नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा में मीटिंग है. उसके बाद वो अहमदाबाद में 28 को एक प्रेस कोंफ्रेंस करेंगे. इसके बाद मेहसाणा और बेहरामपुरा में उनकी सार्वजिनक सभा भी है. अहमदाबाद में कांग्रेस को ताकत देने के लिए आलाकमान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कई रैलियां तय की हैं. ये जिले ऐसे हैं जहां उन्होंने ने पूरी ताकत झोंक दी है. इसके पहले कच्छ के रापड में भी उन्होंने ने चुनावी रैलियां की हैं.
दिसंबर महीना है गहलोत के लिए अहम
राजस्थान के मुख्यमंत्री के तौर पर अशोक गहलोत के लिए दिंसबर महीना बेहद अहम है. जहां इस महीनें में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में आ रही है, वहीं चूरू के सरदारशहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव है. इस सीट पर जीत ही तय करेगी की वर्ष 2023 में कौन किसके खिलाफ माहौल बनाने में सफल होगा. इसी बात को लेकर यहां बीजेपी ने पूरी ताकत लगा दी है. बीजेपी अपने पुराने नेताओं की घर वापसी करा रही है. वहीं अशोक गहलोत के कंधे पर बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि गुजरात चुनाव और राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा दोनों उनकी निगरानी में है.
राजस्थानियों का यहां है दबदबा
गुजरात के अहमदाबाद, मेहसाणा, बनासकांठा, वड़ोदरा, आणंद, कच्छ, सुरेन्द्रनगर, राजकोट और सूरत में राजस्थान के लोगों का दबदबा है. बड़ी संख्या में यहां पर राजस्थान के लोग रहते हैं. एक आकंड़े के अनुसार यहां की स्थानीय आबादी में 25 से 50 प्रतिशत राजस्थानी लोग हैं. जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर संभाग और शेखावाटी क्षेत्र के लाखों परिवार यहां रहते हैं. इसलिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने अपने मजबूत नेताओं को यहां मैदान में उतार दिया है. कांग्रेस ने रघु शर्मा को प्रभारी बना दिया है, वहीं अशोक गहलोत वरिष्ठ पर्यवेक्षक हैं. जो लगातार चुनावी रैली कर रहे हैं.