Rajasthan Politics: भरतपुर पहुंचे CM गहलोत ने चला मास्टरस्ट्रोक, जाटों के साथ गुर्जर वोटर्स को साधने की कोशिश
राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election) से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बड़ा दांव चल दिया है. उन्होंने एक साथ गुर्जर और जाट वोटर्स पर डोरे डालने की कोशिश की.
Rajasthan Politics: चुनावी मूड में आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) जातिगत वोटों को साधने की कोशिश में लग गए हैं. भरतपुर पहुंचकर आज उन्होंने मास्टरस्ट्रोक चल दिया. महाराजा सूरजमल (Maharaja Suraj Mal) के शौर्य दिवस (Shaurya Diwas) पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री गहलोत ने शिरकत कर जाट और गुर्जर वोटरों को लुभाने की कोशिश की. पूर्वी राजस्थान की लगभग 12 सीटों पर गुर्जर मतदाताओं की संख्या 10 हजार से लेकर 50 हजार तक है. मुख्यमंत्री गहलोत ने गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र में लगभग 1500 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया.
मुख्यमंत्री गहलोत ने चला बड़ा दांव
पूर्वी राजस्थान को जाट और गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है. नदबई विधानसभा के गुर्जर बाहुल्य उच्चैन कस्बा में जनसभा को संबोधित कर सीएम गहलोत ने गुर्जर वोटरों को साधने की कोशिश की. महाराजा सूरजमल के शौर्य दिवस पर आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शिरकत कर जाट वोट पर निशाना साधा. सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सचिन पायलट प्रकरण पर गुर्जर समाज के लोग नाराज हैं.
गुर्जर और जाट को लुभाने का प्रयास
नदबई विधानसभा क्षेत्र के विधायक गुर्जर जोगिंदर सिंह अवाना की तरफ से आयोजित जनसभा में शिरकत कर मुख्यमंत्री ने गुर्जर वोटरों को लुभाने की कोशिश की. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 23 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्मदिवस पर आयोजित किसान सभा में भी भरतपुर आये थे. उत्तरप्रदेश से काफी संख्या में जाट भरतपुर आकर बस गए हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को किसानों का मसीहा माना जाता है. उत्तर प्रदेश के आगरा और मथुरा में राष्ट्रीय लोकदल का प्रभाव है. आगरा और मथुरा भरतपुर की सीमा से जुड़े हुए शहर हैं. राष्ट्रीय लोकदल प्रभावी क्षेत्र की राजनीति का असर भरतपुर में भी देखने को मिलता है.
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