Rajasthan Politics: कांग्रेस MLA दिव्या मदेरणा ने गहलोत समर्थक विधायकों की शर्त को बताया अनुशासनहीनता, 1998 के बैठक की दिलाई याद
Rajasthan News: दिव्या ने पूछा कि जब CLP बैठक के लिए विधायकों को सीएम आवास पहुंचने की सूचना दी गई थी.कोई एजेंडा नहीं दिया गया था, फिर उन्हें कैसे पता चला कि बैठक गहलोत की जगह लेने के लिए बुलाई गई है.
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जयपुर: राजस्थान की कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा (Congress MLA Divya Maderna) ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के समर्थक विधायकों की ओर से पार्टी विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव के लिए शर्त रखना अनुशासनहीनता थी. दिव्या मदेरणा कांग्रेस के दिग्गज नेता परसराम मदेरणा (Parasram Maderna) की पोती हैं. परसराम मदेरणा 1998 में मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए थे. उस साल अशोक गहलोत पहली बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे.
दिव्या मदेरणा ने क्या आरोप लगाए हैं
दिव्या मदेरणा जोधपुर के ओसिया विधानसभा सीट से विधायक चुनी गई हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी जोधपुर से ही आते हैं. दिव्या को छोड़कर जोधपुर के सभी कांग्रेस विधायक गहलोत के साथ बताए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कांग्रेस पर्यवेक्षकों की बैठक अलग-अलग विधायकों के साथ हुई है, लेकिन ग्रुप में कभी नहीं हुई है. उन्होंने कहा,''साल 2018 में अविनाश पांडेय और केसी वेणुगोपाल ने सभी विधायकों से अलग-अलग मुलाकात की थी. उस समय किसी ने भी उन पर विधायकों के समूह से मिलने का दवाब नहीं डाला था.''
इस युवा विधायक ने पूछा कि जब कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिए विधायकों को सीएम आवास पहुंचने की सूचना दी गई थी.कोई एजेंडा नहीं दिया गया था, फिर उन्हें कैसे पता चला कि यह बैठक गहलोत की जगह लेने के लिए बुलाई गई है. उन्होंने कहा, ''साल 1998 में भी एक लाइन का यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि यह फैसला कांग्रेस अध्यक्ष करेंगे कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा. उस समय के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मेरे दादा परसराम मदेरणा ने कहा था कि पार्टी आलाकमान का फैसला सर्वोपरि है.यह कांग्रेस में पहले कभी नहीं हुआ कि शर्तों के साथ प्रस्ताव पास किया जाए.''
'ऊपर भगवान-नीचे कांग्रेस अध्यक्ष'
दिव्या ने इससे पहले कहा था कि परसराम मदेरणा ने अपने सार्वजनिक मंच से एक स्पीच दी थी,जिसमें कहा था कि ऊपर भगवान और धरती पर यदि किसी को वो मानते हैं तो वो कांग्रेस अध्यक्ष हैं.वो खुद उसी परिवार की विरासत को आगे ले जा रही हैं.
The decision out of one line resolution-In 1998 dint suit Parasram Maderna ji and entire farmer community. In 2008 it dint suit Dr CP Joshi ji and entire Brahmin community. In 2018 it dint suit Sachin Pilot ji and entire gujar community. But in each decade everyone accepted it .
— Divya Mahipal Maderna (@DivyaMaderna) September 26, 2022
परसराम मदेरणा 1998 में मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे. लेकिन आलाकमान के निर्देश पर अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री चुना गया था. इससे मदेरणा मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए थे,क्योंकि कांग्रेस ने वह चुनाव मदेरणा के नेतृत्व में जीता था.
दरअसल,गहलोत समर्थक विधायकों की ओर से कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बायकॉट करने, दिल्ली से गए पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से मिलने से मना करने और एक पैरलेल बैठक बुलाने को अनुशासनहीनता माना जा रहा है.
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