Sachin Pilot Vs Ashok Gehlot: राजस्थान की राजनीति में काफी समय से 'सचिन पायलट वर्सेज अशोक गहलोत' चर्चा में रहा है. दोनों के बीच सियासी महाभारत लगातार चल रही है. राजस्थान कांग्रेस की अंतर्कलह की वजह सचिन पायलट बनाम अशोक गहलोत ही रही है. कई बार लड़ाई इस कदर बढ़ी कि मीडिया में सुर्खियां बन गईं. एक ओर मिशन-2023 के तहत कांग्रेस एकजुटता का दावा कर रही है तो वहीं दोनों पार्टी में हो रहे 'अंतरयुद्ध' की सच्चाई सामने ले आते हैं. जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहा है, पावर की लड़ाई भी बढ़ रही है. इसी बीच दोनों नेताओं के समर्थक भी एक-दूसरे को तंज कसकर उकसाने लगे हैं.


अब दोनों दिग्गज नेताओं के बीच जुबानी जंग शायद फिर तेज होने वाली है. 1 नवंबर को मानगढ़ धाम में हुए गौरव गाथा कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने अशोक गहलोत की तारीफ कर दी थी. इसके एक दिन बाद ही पायलट ने गहलोत पर करारा तंज कस दिया. उन्होंने कहा कि पीएम ने ऐसे ही गुलाम नबी आजाद की भी तारीफ की थी. अब जो स्थिति है वह सबके सामने है. पायलट यह कहना चाहते हैं कि उनका मानना है अशोक गहलोत का झुकाव बीजेपी की तरफ हो रहा है और यह कांग्रेस के लिए नुकसान की स्थिति पैदा कर सकता है.


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कुछ ऐसे शुरू हुई थी पायलट-गहलोत की लड़ाई
इस बात से आपको यह जरूर याद आएगा कि कुछ समय पहले गहलोत ने पायलट के लिए भी यही बात कही थी. कांग्रेस को दो बड़े नेताओं की लड़ाई तब शुरू हुई थी, जब मुख्यमंत्री गहलोत ने सचिन पायलट पर एक बड़ा आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि सचिन पायलट केंद्रीय मंत्री के साथ मिल गए हैं और राजस्थान में कांग्रेस सरकार गिराना चाहते हैं. बस तबसे ही एक लंबी बहस शुरू हुई, जो आज तक चल रही है. सचिन पायलट भी फिर चुप नहीं रहे और अपने बयानों से लगातार गहलोत को हिसाब देने लगे. एक ओर पायलट ने गहलोत को अनुभवी बताया तो वहीं तीखे तंज भी कस दिए. 


राजस्थान में सरकार के गठन से पहले ही शुरू हो गया था विवाद
बताया जाता है कि राजस्थान में सरकार बनने से पहले ही दोनों के बीच लड़ाई की चिंगारी लग चुकी थी. सीएम पद को लेकर दोनों में लंबा युद्ध हुआ और इस बीच पायलट और गहलोत ने एक दूसरे के खिलाफ खूब बुरा बोला. बात यहां तक पहुंच गई थी कि गहलोत ने सचिन पायलट को नाकारा तक करार दे दिया था. फिर, दो पक्ष बंट गए और एक दूसरे पर जुबानी हमले तेज हो गए. 


अशोक गहलोत गिनाते थे पायलट पर एहसान
इसके बाद सचिन पायलट भी पीछे नहीं रहे. कोटा में नवजात बच्चों की मौत का मामला हो या फिर जोधपुर में वैभव गहलोत की हार का, पायलट लगातार गहलोत पर सभी गलतियों का जिम्मा डालने लगे. वहीं, सीएम गहलोत बार-बार यह पायलट की बगावत के किस्से याद करने लगे. क्योंकि गहलोत हमेशा कहते हैं कि पायलट को केंद्र का टिकट दिलाने में उनकी भूमिका बड़ी थी. 


कांग्रेस आलाकमान ने गंभीरता से नहीं ली  बात
अब राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 करीब आ रहा है. यानी अब पक्ष-विपक्ष की जंग के साथ कांग्रेस पार्टी में अंतर्कलग भी बढ़ सकती है. हालांकि, अशोक गहलोत और सचिन पायलट की इस लड़ाई को लेकर कांग्रेस नेतृत्व खासा गंभीर नजर नहीं आता. सत्ता बनाने वाली पार्टी में जब क्लेश होता दिखे, तो विपक्ष खूब मजे लेता है और शायद हो भी ऐसा ही रहा है.