Rajasthan Political Crisis: कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष बदलने के साथ ही राजस्थान कांग्रेस का सियासी घमासान फिर शुरू हो गया है. मल्लिकार्जुन खड़गे की जीत के बाद बधाई देने पहुंचे नोटिस वाले नेताओं को कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा (Divya Maderna) ने एक बार फिर टारगेट किया है. दिव्या ने शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ पर कटाक्ष किया कि जो लोग आलाकमान के खिलाफ साजिश में शामिल थे, वही सबसे पहले बधाई देने दिल्ली पहुंचे.


सियासत में अपनी बात बेबाक रखने वाली कांग्रेस की तेज-तर्रार नेता दिव्या मदेरणा ने बुधवार रात अपने ट्विटर हैंडल पर तस्वीरें पोस्ट कर लिखा कि "हाईकमान के खिलाफ साजिश वाले लोग सबसे पहले हैं जो कांग्रेस के नए अध्यक्ष को बधाई देने दिल्ली गए हैं. संयोग से श्री खड़गे विधायक दल की बैठक में हिस्सा लेने जयपुर भेजे गए पर्यवेक्षकों में एक थे, जिन्होंने बाद में अनुशासन समिति को एक लिखित रिपोर्ट सौंपी और जिसके आधार पर नोटिस जारी हुए."



दिव्या ने दोहे से दी नेताओं को नसीहत
'कभी घमंड न कीजिए, समय बड़ा बलवान, किए रंक राजा कई, निर्धन को धनवान' इस दोहे के जरिए दिव्या ने कांग्रेस नेताओं को नसीहत दी कि खुद पर कभी घमंड नहीं करें. समय इतना बलवान है कि निर्धन को धनवान और राजा को रंक बना देता है. दिव्या ने लिखा कि "समय का फेर है. खड़गे जी के लाख बुलाने पर  मिलने तक नहीं आए, विधायक दल की मीटिंग को बॉयकॉट कर समांतर मीटिंग की और यही मुख्य सचेतक और संसदीय कार्य मंत्री प्रतिनिधि बनकर आए तो खड़गे जी के सामने शर्त रखी कि जो फैसला होगा वह 19 अक्टूबर के बाद होगा व हम सिर्फ सोनिया गांधी जी से मिलेंगे."


जीत के बाद खड़गे से मिले थे नेता
बुधवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव नतीजे घोषित होते ही कांग्रेस नेता महेश जोशी, शांति धारीवाल, धर्मेंद्र राठौड़ ने दिल्ली पहुंचकर नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात कर उन्हें बधाई दी. तीनों नेताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) व प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) के साथ खड़गे से मुलाकात की. बधाई और मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी पोस्ट की.


तीन नेताओं पर लगे थे ये आरोप
सरकारी मुख्य सचेतक और जलदाय मंत्री महेश जोशी (Mahesh Joshi), यूडीएच व संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) और राजस्थान टूरिज्म डवलपमेंट कॉरपोरेशन (RTDC) धर्मेंद्र राठौड़ (Dharmendra Rathore) को 25 सितंबर 2022 को जयपुर में कांग्रेस पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) की ओर से बुलाई गई बैठक से अलग समानांतर बैठक करने और अनुशासनहीनता के आरोप में अलग-अलग नोटिस जारी किए थे.


धारीवाल पर संसदीय कार्यमंत्री होने और स्टेटमेंट जारी करने के साथ ही अपने आवास पर विधायकों की समानांतर बैठक करने और पार्टी की बैठक में शामिल नहीं होने का दबाव बनाने के आरोप लगा था. महेश जोशी को सरकारी मुख्य सचेतक होने के बावजूद विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचने और पार्टी बैठक का बहिष्कार करने के आरोप में दोषी मानते हुए जवाब मांगा था. धर्मेंद्र राठौड़ पर आरटीडीसी चेयरमैन और पीसीसी सदस्य होने के बावजूद सारे लॉजिस्टिकल अरेंजमेंट करने और विधायकों की अन-ऑफिशियल मीटिंग की प्लानिंग करने के आरोप लगे थे. नोटिस मिलने के बाद इन तीनों नेताओं ने पार्टी आलाकमान को जवाब में अपनी सफाई भेज दी थी. फिलहाल उस जवाब के बाद पार्टी ने कोई फैसला नहीं किया है.


मदेरणा ने पार्टी से की थी यह मांग
तीनों नेताओं को नोटिस दिए जाने के बाद मदेरणा ने शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ पर निशाना साधते हुए इन तीनों नेताओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की थी. उन्होंने लिखा था कि "सख्त कार्रवाई हो ताकि यह नजीर पेश हो कि कोई किसी भी पद का व्यक्ति अनुशासनहीनता का हिस्सा बने तो उस पर कार्रवाई होगी. पूरे राजस्थान व भारत में यह संदेश जाएगा कोई इस तरीके की पार्टी विरोधी गतिविधियों का हिस्सा बन आलाकमान को ललकारे ,अनुशासनहीनता करेंगे तो उस पर गाज गिरेगी."


जोशी के जवाब पर भी उठाए थे सवाल
मदेरणा ने जोशी की ओर से दिए नोटिस के जवाब पर सवाल उठाते हुए कहा कि "वह स्वयं मुख्यमंत्री निवास पर हुई विधायक दल की मीटिंग में क्यों नहीं गए? खुद विधानसभा अध्यक्ष के निवास पर इस्तीफा देने क्यों गए? मदेरणा का मानना है कि यदि वो (महेश जोशी) स्वयं मीटिंग में जाते तो अन्य विधायक भी उनसे प्रेरणा लेते क्योंकि वो पार्टी के मुख्य सचेतक हैं."