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Rajasthan Politics: राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में मालवीय शामिल, चार बार के विधायक का नाम क्यों है सबसे आगे?
Rajasthan: कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष के रूप में सबसे आगे बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा विधानसभा से विधायक महेंद्र जीत मालवीय का नाम चल रहा है. इसके पीछे लोकसभा चुनाव भी एक अहम कारण माना गया है.
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नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में महेंद्र जीत मालवीय
Lok Sabha Elections 2024: सत्ता मिलने के बाद बीजेपी मंत्रिमंडल की तैयारी कर रही है तो कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष किसे बनाया जाए इसकी तैयारी में जुटी है. कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष के रूप में सबसे आगे बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा विधानसभा से चौथी बार विधायक बने महेंद्र जीत मालवीय का नाम चल रहा है. इसके पीछे आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर देखा जा रहा है. क्योंकि विधानसभा चुनाव होने के बाद अब दोनों ही पार्टियां जल्द ही लोकसभा चुनाव के लिया अपना मैदान तैयार करने में जुटी चुकी है. जानिए महेंद्र जीत मालवीय का नाम क्यों है आगे?
चर्चा है कि पहले देखा जा रहा था कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है लेकिन उन्हें राष्ट्रीय महासचिव पद पर नियुक्त कर दिया है और साथ ही छत्तीसगढ़ का प्रभारी सचिव भी बना दिया है. यहीं नहीं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का नाम भी चल रहा है लेकिन लोकसभा नजदीक होने के कारण कांग्रेस ने राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह को फिर से कमान सौंपी है, तो डोटासरा की जिम्मेदारी भी यह रह सकती है. ऐसे ने अब महेंद्रजीत मालवीय का पलड़ा भारी है.
आदिवासी सीटों को साधने के लिए कांग्रेस कर सकती है एलान
दरअसल लोकसभा चुनाव आने वाले हैं. राजस्थान की 25 सीटों में से 5-6 सीटों पर आदिवासी वोटर्स का सीधा प्रभाव है जो जीत हार तय करते हैं. वहीं राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ की लोकसभा सीटों से आदिवासी वोटर को साध सकेंगे. क्योंकि बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी नेता को सीएम बनाया, जिसका यह तोड़ निकाल सकती है. यहीं नहीं, विधानसभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी ने पहली बार चुनाव लड़कर 3 सीटें जीती और 4 ने दूसरे नंबर पर रही. यह कांग्रेस का नुकसान हुआ जिससे भी पार्टी मालवीय का चेहरी से रिकवर कर सकती है. साथ ही मालवीय को राजनीति का लंबा अनुभव है, चौथी बार विधायक, दो बार मंत्री बने हैं. यहीं यहीं अभी सीडब्ल्यूसी के सदस्य भी है. इन सभी कारणों के कारण चर्चाओं में मालवीय का पलड़ा भारी बताया जा रहा है.
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रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
Opinion