Rajasthan Politics: एमएलए भरत सिंह ने सीएम गहलोत से पूछा, -'19 जिले बनाना सहज मगर, एक गांव को कोटा में मिलाना कठिन क्यों?
Rajasthan News: पूर्व मंत्री भरत सिंह ने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा कि कोटा में जब आप कैबिनेट की बैठक करें तो इस गांव को कोटा जिले में मिलाने के बारे में निर्णय करें.
कांग्रेस के पूर्व मंत्री और सांगोद विधायक भरत सिंह के तेवर नरम होते नहीं दिख रहे हैं. वह लगातार सीएम पर हमलावर हो रहे हैं. भ्रष्टाचार, पर्यावरण संरक्षण, युवाओं को टिकट देने, बुजुर्ग नेताओं को राजनीति में पीछे रहने, अवैध खनन सहित कई मामलों पर भरत सिंह ने सीएम को पत्र लिखा लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उन्होंने विरोध के कई तरीके निकाले और कई मंचों पर अपनी बात को खुलकर रखा.
इस बार उन्होंने फिर से सीएम को खान की झोपडिया गांव का अवलोकन करने की बात कही है. उन्होंने पत्र में लिखा कि कोटा आगमन पर संपूर्ण कैबिनेट को साथ लेकर ग्राम खान की झोपड़ियों का मौका अवलोकन करना चाहिए.
'19 नवीन जिंले बनाना सहज था मगर, एक गांव को कोटा में मिलाना कठिन क्यों'
भरत सिंह ने अपने पत्र में कहा कि में इस संबन्ध में गत 3 साल से आपको पत्र लिख रहा हूं. आप सत्य का सामना करने से कतरा रहे हैं. कोटा में जब आप केबिनेट की बैठक करें तो इस गांव को कोटा जिले में मिलाने के बारे में निर्णय करें. आपके लिए 19 नवीन जिले बनाना सहज था. मगर एक गांव खान की झोपडिया को कोटा जिले में मिलाना कठिन क्यो है.
'मन खुला रखकर सत्य को देखने का साहस दिखाया तो सब कुछ स्पष्ट दिखाई देगा'
भरत सिंह ने पत्र में लिखा कि आपसे अनुरोध है कि संपूर्ण केबिनेट व खासकर प्रमोद जैन भाया गोपालन एवं खनन मंत्री को साथ लेकर खान की झोपडिया गांव का अवलोकन करें. आपने यदि आंख व मन खुला रखकर सत्य को देखने का साहस दिखाया तो सब कुछ स्पष्ट दिखाई देगा. यह पत्र उन्होने जब लिखा जब मुख्यमंत्री व केबिनेट सितम्बर के प्रथम सप्ताह में कोटा आ रही है.
मुख्यमंत्री सितम्बर के प्रथम सप्ताह में रिवरफ्रंट का उद्घाटन करने के लिए कोटा आएंगे. कोटा में कैबिनेट की बैठक भी होगी. हम मुख्यमंत्री के समक्ष पुन: मांगे रखेंगें कि ग्राम खान की झोपिडया को कोटा जिले में मिलाया जाए. इसके अलावा हाल ही में विधानसभा में पारित कोटा विकास प्राधिकरण बिल जनहित में वापस लिया जावे, यह भी मांग करेंगे.
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