Rajasthan Politics: इस्तीफे के बाद अब रघु शर्मा की क्या होगी भूमिका? गहलोत सरकार में थे कद्दावर मंत्री
Rajasthan Politics: गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद रघु शर्मा ने प्रदेश प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया था. इस पद के लिए उन्हें राजस्थान छोड़ना पड़ा था.
Raghu Sharma: हाल ही में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई है. वहां चुनाव की कमान राजस्थान के नेता रघु शर्मा (Raghu Sharma) ने संभाल रखी थी. चुनाव परिणाम आने के तुरंद बाद ही रघु शर्मा ने इस हार की जिम्मेदारी लेते हुए नैतिक आधार पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) को प्रदेश प्रभारी पद से इस्तीफा सौंप दिया. इस पद के लिए उन्हें राजस्थान छोड़ना पड़ा था. वे अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार में कद्दावर मंत्री थे. वे मंत्रिमंडल में चिकित्सा मंत्री का बड़ा कार्यभार संभाल रहे थे.
कोरोना काल में इनके काम की सराहना भी हुई थी. राजस्थान से गुजरात जाने के लिए उन्होंने मंत्री पद का बड़ा त्याग किया था. पार्टी में एक व्यक्ति, एक पद सिद्धांत के चलते उन्होंने मंत्री पद छोड़ दिया. अब वे गुजरात में मिली जिम्मेदारी से भी मुक्त हो गए हैं. ऐसे में सियासी गलियारों में चर्चा है कि अब रघु शर्मा की कांग्रेस में अगली भूमिका क्या होगी?
7 में से 3 जीते, 4 चुनाव हारे
कांग्रेस नेता रघु शर्मा ने निजी स्तर पर अब तक सात चुनाव में भाग्य आजमाया है. वे तीन चुनाव में जीत हासिल करने में कामयाब रहे, लेकिन चार चुनाव हार गए. उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव 1990 में लड़ा था. उस वक्त भिनाय सीट पर बीजेपी के सांवरलाल जाट ने 16 हजार 889 वोटों से उन्हें हराया. इसके बाद विधानसभा चुनाव 1993 में दूसरी बार बीजेपी के सांवरलाल जाट से भिनाय सीट पर 6 हजार 34 वोट से हार गए. उन्होंने वर्ष 1999 में जयपुर से गिरधारीलाल भार्गव के सामने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और 1 लाख 41 हजार 790 मतों से हार गए. वे लगातार तीन बड़े चुनाव हारने के बाद भी जीत के लिए संघर्ष करते रहे.
उन्हें 18 साल बाद विधानसभा चुनाव 2008 में पहली बार जीत नसीब हुई. वे गृह क्षेत्र केकड़ी में बीजेपी की रिंकू कंवर के सामने 12 हजार 6 सौ 59 वोटों से जीते. एक जीत के बाद विधानसभा चुनाव 2013 में वे फिर हार गए. उन्हें बीजेपी के शत्रुघ्न गौतम ने 8 हजार 867 वोटों से हराया. फिर 2018 में लोकसभा का उपचुनाव जीतकर उन्होंने नया इतिहास रचा. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के राजेंद्र विनायका को हराया.
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