Rajasthan Politics: राजस्थान (Rajasthan) की सियासत में कांग्रेस (Congress) नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) की उम्र भले ही अन्य दिग्गज नेताओं से कम हो लेकिन उनका राजनीतिक अनुभव सालों पुराना है.  उन्होंने बाल्यकाल से ही अपने माता-पिता के साथ सियासी जगत में कदम बढ़ा दिए थे. सचिन आज अपनी पैतृक सियासी विरासत को बखूबी अंदाज में संभाल रहे हैं. पिता राजेश पायलट (Rajesh Pilot) और मां रमा पायलट (Rama Pilot) से मिले बड़े सियासी अनुभव से ही पायलट राजस्थान की राजनीति में ऊंची उड़ान भर पाए हैं.


33 साल पहले दिया था पहला भाषण
जयपुर (Jaipur) के महाराज कॉलेज (Maharaja College) में युवाओं के बीच सचिन पायलट ने अपनी स्कूल लाइफ का जिक्र करते हुए राजनीतिक अनुभव साझा किया. उन्होंने बताया कि "मैंने पहली बार 1990 में भाषण दिया था. उस वक्त मेरी मां हिंडौली बूंदी से चुनाव लड़ रहीं थी. सर्दियों के दिन थे, उस वक्त मैं 13 साल का था, उन दिनों नई-नई जिप्सी आई थी, मैं ठंड के वक्त गाड़ी में बैठा हुआ था. उस समय मेरी मां भाषण देने गई थी. वहां की सरपंच को पता लगा कि रमा पायलट जी का बेटा गाड़ी में बैठा है. उन्होंने आवाज देकर मुझे मंच पर बुला लिया. मैं चुपचाप जाकर मंच पर बैठ गया."


'भाषण देकर स्कूल भाग गया'
पायलट ने बताया, "उस चुनावी सभा में सरपंच ने मेरी मां को बुलाने से पहले मेरा नाम लिया और कहा कि अब सचिन जी आपको दो बात बोलेंगे. मेरे हाथ में माइक भी पकड़ा दिया. मैं पहली बार स्कूल से छुट्टी लेकर गया था. मैंने सोचा मां का चुनाव प्रचार देखकर आते हैं कि क्या हो रहा है. मंच पर मेरे हाथ में माइक था, सामने बैठे लोग मेरा मुंह देख रहे थे. मैंने डेढ या दो मिनट भाषण दिया. मेरे दोनों पैर कांप रहे थे, हाथ कांप रहे थे, सोच रहा था मैं क्या बोलूं. हिम्मत करके मैंने यही बोला कि आप सब मिलकर मेरी मां को जिताओ. हम सब मिलकर आपकी सेवा करेंगे. इसके बाद मैंने माइक वहीं पटका और यह कहकर भागा कि मैं जा रहा हूं पढ़ने के लिए."


सियासी अनुभव पर सवाल उठाने वालाें को जवाब
सूबे की सियासत में सचिन पायलट को सीएम बनाने की चर्चाएं हैं. सचिन खुद भी सीएम बनने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. सीएम पद को लेकर राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट के बीच टकराव भी है. दोनों नेता एक-दूसरे के खिलाफ आरोपों के तीर चला रहे हैं. दोनों नेताओं की बयानबाजी से कांग्रेस में बिखराव होता दिख रहा है. सीएम गहलोत व अन्य नेता सचिन के सियासी अनुभव पर सवाल उठाते रहे हैं. गहलोत ने अनुभव में कमी बताते हुए सचिन को कई बार टारगेट किया है. यही वजह है कि सचिन अब सार्वजनिक मंच पर अपना अनुभव बताते हुए विरोधियों को जवाब दे रहे हैं. सचिन बता रहे हैं कि वे 13 साल की उम्र से ही राजनीति कर रहे हैं और उन्हें सियासत का लंबा अनुभव है.


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