अशोक गहलोत के खिलाफ फिर 'रनवे पर पायलट', गुलाम नबी आजाद से की तुलना
Rajasthan Politics: सचिन पायलट ने सीएम गहलोत पर तंज कसा और कहा कि यह बड़ा दिलचस्प घटनाक्रम है, क्योंकि पीएम मोदी ने इसी तरह गुलाम नबी आजाद की भी तारीफ की थी.
Sachin Pilot on CM Ashok Gehlot: राजस्थान के बांसवाड़ा में मानगढ़ गौरव गाथा कार्यक्रम में शिरकत कर सीएम अशोक गहलोत ने पीएम मोदी की तारीफ की थी. वहीं, पीएम मोदी ने भी अशोक गहलोत की तारीफ की. अब इसको लेकर अब सचिन पायलट ने सीएम गहलोत पर तंज कसा है. उन्होंने कहा, यह बड़ा दिलचस्प घटनाक्रम कहा जा सकता है, क्योंकि पीएम मोदी ने इसी तरह गुलाम नबी आजाद की भी तारीफ की थी लेकिन उसके बाद क्या हुआ सब जानते हैं.
सचिन पायलट ने कहा कि पीएम से ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना और मानगढ़ स्मारक को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
पीएम मोदी ने सीएम गहलोत को लेकर कही यह बात
दरअसल, बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में 24 घंटे पहले हुए कार्यक्रम में पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर कहा कि गहलोत और उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में साथ काम किया था. वहीं, पीएम ने कहा था कि सीएम गहलोत बहुत से मुख्यमंत्रियों में सबसे वरिष्ठ थे. बीते दिन उस मंच पर बैठे सभी मुख्यमंत्रियों में से भी वह सबसे वरिष्ठ मुख्यमंत्री थे. साल 2023 में राजस्थान का विधानसभा चुनाव होने वाला है. इसी बीच पीएम मोदी द्वारा सीएम गहलोत की तारीफ करने के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं.
सचिन पायलट ने आगे कहा की सब उम्मीद कर रहे थे कि पीएम मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करेंगे, लेकिन ऐसा किया नहीं. पायलट का कहना है कि उन्होंने ऐसा इसिलए किया क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है. जब पीएम पहले आए थे तो खुद ही घोषित किया था कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय स्मारक बनाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसी बीच पीएम मोदी का सीएम गहलोत की तारीफ करना एक इंटरेस्टिंग बात है.
सीएलपी बैठक कैंसिल होने पर कांग्रेस नेतृत्व नाराज
पायलट ने कहा कि 25 सितंबर को राजस्थान में सीएलपी की मीटिंग होनी थी, लेकिन हो नहीं पाई. इसके लिए सीएम गहलोत ने पार्टी नेतृत्व से माफी भी मांगी थी. हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और मामले को गंभीरता से लिया. वहीं, आलाकमान ने इसे अनुशासनहीनता माना है. ऐसे में इस पर कार्रवाई होगी ताकि यह संदेश मिले कि कांग्रेस पार्टी अनुशासन पसंद पार्टी है. यहां नियम कायदे सबके लिए बराबर हैं. जिन तीन नेताओं को नोटिस मिला है, उन्होंने जवाब भी दिया है. अब बातचीत कर इसपर फैसला भी होगा. पूरी पार्टी यह मानती है कि गलती हुई तो उसे ठीक करने का वक्त भी आ गया है.
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