Lok Sabha Election 2024: राजस्थान में विधानसभा चुनाव खत्म होते ही लोकसभा चुनाव की तैयारियों में राजनीतिक पार्टियां जुट चुकी हैं. चुनाव होने से पहले नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. तो वहीं राजस्थान के उदयपुर की बात करें तो यहां पिछले 4 दशक से एक नदी पर ही राजनीति टिकी हुई है और 3 दशक से यहां बीजेपी का राज है. नदी को खूबसूरत बनाने के नाम पर वादे होते हैं लेकिन अब तक नदी को लेकर कोई काम नहीं होता है. ऐसे में नदी का हाल जैसा का तैसा ही बना हुआ है. 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में उदयपुर शहर सीट से रहे कांग्रेस प्रत्याशी गौरव वल्लभ भी नदी का मुद्दा उठा चुके हैं. राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ चुनाव में इसको मुद्दा बनाकर बीजेपी पर प्रहार किए थे. जानिए क्या है नदी की राजनीति.


उदयपुर यानी झीलों की नगरी, दोनों एक दूसरे के पर्यवाची हैं. क्योंकि शहर के बीच में ही दो झील पिछोला और फतहसागर हैं. अब हम जिस नदी की बात कर रहे हैं वह है, आयड़ नदी. यह नदी 26 किलोमीटर लंबी है और गोगुंदा के पहाड़ों से शुरू होकर उदयसागर झील में समाती है. यहीं नहीं उदयसागर भरने के बाद इसका पानी चित्तौड़गढ़ जिले के गोमती नदी में मिलता है. खास बात यह कि यह शहर के बीच से गुजरती है. बारिश के समय पूरे शहर की सौंदर्यता इसी नदी से बनती है, जब इसमें जल प्रवाह होता हैले, किन बारिश के 3 माह बाद यह गटर के पानी से भरी रही है. राजनीति मुद्दा भी यही से बनाता है. 

 

मौजूदा विधायक ने किया नदी का दौरा

 

आयड़ नदी को संवारने का काम दशकों से चल रहा है, लेकिन अब तक गटर के पानी से लदी हुई है. जगह जगह कीचड़ दिखाई देता है, लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद इस नदी का नाम शहरवासियों को हर दिन सुनने को मिल रहा है. इसके पीछे कारण है, हालही में हुए विधानसभा चुनाव में गौरव वल्लभ को रिकॉर्ड मतों से हराने वाले बीजेपी विधायक ताराचंद जैन के तेज तेवर. ताराचंद जैन पिछले एक महीने से इस नदी का कलेक्टर के साथ 3 से 4 बार दौरा कर चुके हैं.

 

आयड़ नदी के लिए लंबे समय से काम किए जा रहे हैं. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत भी इसमें काम करवाया जा चुका है. अब इसे अहमदाबाद के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर काम शुरू हो गया है. हालाकि यह कहां तक जाता है और क्या फायदा होगा यह तय नहीं है. इसमें 70 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत आएगी. ताराचंद जैन ने चुनाव के दौरान भी कहा था कि आयड़ नदी को खूबसूरत बनाएंगे और काम चल भी रहा है. इसमें जो भी नाली का पानी आ रहा है उसे साफ करके नदी में छोड़ा जाएगा, जिससे हर मौसम में नदी बहती रहे.