Rajasthan: सियासत के केंद्र में आदिवासी, कांग्रेस-BJP में हितैषी बनने की होड़, राहुल गांधी के बाद सतीश पूनिया ने ऐसे रिझाया
आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आदिवासी समुदाय राजस्थान की सियासत के केंद्र में आ गया है. कांग्रेस और बीजेपी डोरे डालने में एक दूसरे से पीछे नहीं हैं. राहुल के बाद अब सतीश पूनिया का प्रेम उमड़ा है.
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Rajasthan Politics: राजस्थान में आदिवासियों को बड़े-बड़े सपने दिखाए जा रहे हैं. दोनों प्रमुख दल सपना दिखाने में पीछे नहीं हैं. दोनों दलों के नेताओं ने आदिवासियों को रिझाने में पूरी ताकत लगा दी है. राहुल गांधी के बाद अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी मैदान में आ गए हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि आदिवासियों से मिलकर हौसला मिलता है. उदयपुर में पूनिया ने दावा किया कि 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में 182 से अधिक सीटों पर बीजेपी की जीत होगी. अलवर में राहुल गांधी ने आदिवासियों को हिंदुस्तान का असली मालिक बता था. उन्होंने आदिवासियों की जमीन का मुद्दा हल करने के लिए गहलोत सरकार को निर्देश भी दिया था.
आदिवासियों को रिझाने की लगी होड़
सतीश पूनिया ने उदयपुर जिले के झाडोल, खेरवाड़ा और सलूम्बर विधानसभा क्षेत्रों में जन आक्रोश सभाओं को संबोधित किया. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस 55 वर्षों से आदिवासियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती रही है. आदिवासी स्कूल, शिक्षा, छात्रवृति, सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत मुद्दों पर पीछे होते चले गये. उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में आदिवासियों की अनदेखी की गई. आदिवासियों की तरक्की का रास्ता पूर्व मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत ने 45 प्रतिशत आरक्षण देकर खोला था. आरक्षण से आदिवासी नौजवानों को बड़ा संबल मिला.
आदिवासियों की मजबूती और तरक्की के लिये नरेंद्र मोदी की सरकार भी काम कर रही है. उन्होंने वादा किया कि अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सरकार बनने पर योजनाबद्ध तरीके से आदिवासियों के विकास का काम किया जाएगा.
पूनिया बोले-आपसे मेरे संस्कार जुड़े हैं
पूनिया ने कहा कि राहुल गांधी ने 2018 में प्रदेश के सभी किसानों से कर्जा माफी का वादा किया था. किसान कर्ज माफी का इंतजार कर रहे हैं. आदिवासी क्षेत्र से लेकर पूरे प्रदेश में किसानों का कर्जा माफ नहीं किया गया. प्रदेश में 200 से अधिक किसान सुसाइड कर चुके हैं. 18 हजार से अधिक किसानों की जमीनें कुर्क हो गईं हैं. किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. सृष्टि में प्रकृति के सबसे नजदीक आदिवासी हैं.
प्रकृति की सुरक्षा और संरक्षण करते हैं, जल, जंगल और जमीन के लिये संघर्ष करते हैं. प्रकृति के उपासक आदिवासियों से मेरा दिल का रिश्ता आजीवन रहेगा. आपके साथ मेरे संस्कार जुड़े हैं, आपसे भाईचारा है, आपसे हमदर्दी है, इंसानियत और मानवता का रिश्ता भी है.
राहुल ने मंच से बताई थी प्राथमिकता
राहुल गांधी ने अलवर में मंच से अशोक गहलोत सरकार को आदिवासियों के पट्टे दिलाने की प्राथमिकता बताई. उन्होंने गहलोत सरकार को नसीहत दी कि आदिवासियों का काम प्रमुख है. राहुल ने कहा कि आदिवासियों को बीजेपी के वनवासी कहने पर आपत्ति जताई. राहुल ने कहा कि हम आपको आदिवासी मानते हैं और आदिवासी ही हिंदुस्तान के असली मालिक हैं. हमारी सरकार आपके लिए सारे जरूरी काम करेगी.
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