Rajasthan BJP Politics over REET Paper Leak Case: राजस्थान भाजपा (BJP) के भीतर मतभेद एक बार फिर तब सामने आ गए, जब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) रीट पेपर लीक मामले (REET Paper Leak Case) में सीबीआई (CBI) जांच की मांग को लेकर पार्टी की तरफ से किए जा रहे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन से दूर रहीं. इस प्रदर्शन में कुल 68 विधायक और 18 सांसदों ने हिस्सा लिया. विधानसभा में पार्टी की ताकत 72 है और संसद में 25 सदस्य हैं. नदारद रहने वाले 4 विधायकों में राजे के साथ उनके भरोसेमंद कालीचरण सराफ, प्रताप सिंह सिंघवी और कैलाश मेघवाल शामिल थे.
राजनीतिक गलियारों में तेज हुई चर्चा
भाजपा सूत्रों ने कहा कि मंगलवार को हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सके सांसद या तो चुनावी राज्यों में प्रचार कर रहे हैं या फिर उनकी तबीयत खराब है. इस विशाल विरोध प्रदर्शन में राजे और अन्य वरिष्ठ विधायकों की अनुपस्थिति शहर के साथ-साथ राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गई है.
भाजपा ने किया था प्रदर्शन
प्रदेश भाजपा ने रीट पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर विधानसभा घेराव का आह्वान किया था और प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रभारी अरुण सिंह, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा, महिला मोर्चा, जयपुर शहर और देहात भाजपा, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा, कई मोर्चों के कार्यकर्ता, विधायक और सांसद ने किया.
वसुंधरा राजे ने इस बात पर जताई थी नाखुशी
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बजट सत्र की शुरुआत में अपने बेटे सांसद दुष्यंत सिंह के घर पर पथराव किए जाने पर पार्टी की चुप्पी पर नाखुशी जाहिर की थी. उन्होंने तब पूछा था कि जब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के काफिले पर हमला हुआ, तो पार्टी विरोध क्यों कर रही थी.
बैठकों से दूर रही हैं वसुंधरा राजे
बता दें कि, रीट पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच की मांग करने और कांग्रेस पार्टी पर टिप्पणी करने के बाद पूनिया की कार पर हमला किया गया था. राज्य का नेतृत्व पूनिया के हाथों में दिए जाने के बाद से वसुंधरा राजे पार्टी की अधिकांश बैठकों और कार्यक्रमों से दूर रही हैं.
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