Jaipur News: राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में सियासी घमासान मचा हुआ है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ((Ashok Gehlot)) के समर्थक विधायकों ने सचिन पायलट (Sachin Pilot) के मुख्यमंत्री बनाने पर ऐतराज जताया है. पायलट को सीएम बनाए जाने की संभावना देखकर रविवार गहलोत समर्थक विधायक बगावत पर उतर आए हैं. गहलोत समर्थक विधायकों ने रविवार विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को अपना सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया है. गहलोत के समर्थन में आगे आए विधायकों की संख्या 80 से अधिक बताई जा रही है.इससे निपटने के लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने अशोक गहलोत,सचिन पायलट और कांग्रेस प्रभारी अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को दिल्ली तलब किया है.
राजस्थान में यह बगावत सचिन पायलट के लिए हो रही है.अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की संभावना जताई जा रही है. उनके कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद खाली होने वाली मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए सचिन पायलट को प्रमुख दावेदार बताए जा रहे हैं. लेकिन अशोक गलहोत के समर्थक विधायक नहीं चाहते हैं कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री सचिन पायलट बनें, जिन्होंने 2020 में बगावत की थी.आइए देखते हैं कि उनके पक्ष में कौन सी बाते हैं और कौन सी बातें उनके खिलाफ जाती हैं.
सचिन पायलट के पक्ष में पांच बड़ी बातें
- प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए 2018 के विधानसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस सत्ता में लौटी थी.
- प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभव, राजस्थान के उपमुख्यमंत्री रहे, प्रदेश अध्यक्ष रहे और केंद्र की यूपीए सरकार में मंत्री रहे.
- सचिन पायलट को राहुल गांधी और गांधी परिवार का करीबी माना जाता है.
- युवा हैं, टेक्नोक्रेट और युवाओं में लोकप्रिय नेता माने जाते हैं.
- भीड़ खींचने वाले और साफ सुधरी छवि वाले नेता माने जाते हैं.
सचिन पायलट के खिलाफ पांच बड़ी बातें
- सचिन पायलट के खिलाफ पांच बड़ी बातें
- 2020 की बगावत की वजह से भरोसे में आई कमी.
- राज्य का जातीय समीकरण उनके पक्ष में नहीं है.
- विधायकों का व्यापक समर्थन हासिल नहीं है.
- पार्टी के लोग ही बाहरी होने का टैग लगाते हैं
- पार्टी के संगठन पर मजबूत पकड़ नहीं मानी जाति है.
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