Rajasthan Politics: गहलोत-पायलट विवाद के बीच प्रताप सिंह खाचरियावास ने लिखी सीएम को चिट्ठी, की ये मांग
राजस्थान के कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने आईएएस अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. साथ ही उन्होंने सीएम गहलोत को पत्र भी लिखा है.
Rajasthan Politics: राजस्थान की सियासत में कांग्रेस के नेताओं की बयानबाजी से सियासी हलचल बढ़ती जा रही है. दिनभर चले गहलोत और पायलट के वार-पलटवार के बीच अब कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने नया राग छेड़ दिया है. उन्होंने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी है कि मंत्रियों को आईएएस अधिकारियों की एसीआर लिखने का अधिकार दिया जाना चाहिए.
'मंत्रियों को मिले IAS की एसीआर लिखने का अधिकार'
राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, "राजस्थान में 46 हजार मैट्रिक टन गेहूं खराब हो गया. इसके बाद मैंने अधिकारियों की मीटिंग बुलाई और उन्हें आदेश दिया कि मैं तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई करूंगा. जो अधिकारी जनता का गेहूं लैप्स करवा दें उनके खिलाफ जांच के लिए मैंने सीएम गहलोत को पत्र लिखा है और जांच होगी."
'...तो कैसे होंगे जनता के काम'
उन्होंने आगे कहा, "मैंने सीएस को भी फोन किया. मैंने कुलदीप रांका से इस बात की नाराजगी व्यक्त की थी. धीरे-धीरे काम नहीं होता है. आप सेक्रेटरी टू सीएम है, अगर कहीं गेहूं खराब हो रहा है तो ये आपकी जिम्मेदारी है. अगर कोई अधिकारी सरकार की अवमानना कर रहा है तो उसके खिलाफ जांच होगी तब ही लोकतंत्र सिस्टम लागू होगा. मैंने सीएम को पत्र लिखा है कि आप सभी के एसीआर मत लिखिए. हमें ये अधिकार दीजिए. जब आप मंत्रियों को अधिकार दोगे तब ही अधिकारी सुधरेगा. जब आईएएस अधिकारी बात ही नहीं मानेगा तो आप जनता के काम कैसे करवाएंगे."
दरअसल, प्रतापसिंह खाचरियावास का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सियासी घमासान मचा हुआ है. ऐसे में अपनी ही सरकार में काम कर रहे आईएएस अधिकारियों के काम पर उंगली उठाना, कई तरह के सवाल खड़ा करता है.
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