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Rajasthan: प्रतापगढ़ एसपी को किया जाएगा सम्मानित, 21 महीने बाद दर्ज मर्डर केस को सुलझाने में ऐसे मिली थी सफलता
Rajasthan News: राजस्थान के प्रतापगढ़ एसपी अमित कुमार को केंद्रीय गृह मंत्री पदक से सम्मानित किया जाएगा. हत्या का मामला बीकानेर का है जब अमित कुमार एडिशनल एसपी पद पर तैनात थे.
Rajasthan News: प्रतापगढ़ एसपी अमित कुमार को केंद्रीय गृह मंत्री पदक से सम्मानित किया जाएगा. राजस्थान में 9 पुलिसकर्मियों को मिलेगा जिसमें से एसपी रैंक के सिर्फ एसपी अमित कुमार ही है. इन्हें यह पदक एक्सीलेंट इन्वेस्टिगेशन के लिए मिल रहा है. क्योंकि उन्होंने प्रेमिका की हत्या की ऐसे गुत्थी को सुलझाया था जो चौकाने वाली है. इस मामले में हत्या की एफआईआर ही 21 माह दर्ज हुई थी. सोच सकते हैं की एफआईआर ही इतनी लेट दर्ज हुई तो अनुसंधान कैसा होगा. जानिए पूरी चौंकाने वाली यह हत्या की कहानी.
21 माह बाद दर्ज हुई एफआईआर
हत्या का मामला बीकानेर का है जब अमित कुमार एडिशनल एसपी पद पर तैनात थे. 5 फरवरी 2021 को मोनालिसा नामक युवती की हत्या बीकानेर के बगरू जो सदर थाने में आता है वहां हत्या हुई. इस हत्या की रिपोर्ट 21 नवंबर 2022 को मोनालिसा के पिता स्वप्न चौधरी ने दर्ज कराई. आरोप लगाया प्रेमी भवानी सिंह पर. मोनालिसा भवानी के साथ रह रही थी. मामले की जांच एडिशन एसपी रहे अमित कुमार के पास आई. और उन्होंने अनुसंधान शुरू किया.
पुलिस को बताया- गिरी पड़ी थी, हॉस्पिटल के गए तो मृत घोषित किया
जब आरोपी भवानी सिंह को पूछताछ के लिए बुलाया तो उसने बताया कि उसने बताया कि वह 4 फरवरी को बेड से नीचे फर्श पर पड़ी थी. दोस्त और उसकी पत्नी को बुलाया और जयपुर जयपुर ने एक हॉस्पिटल लेकर गए. वहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. फिर इस घटना की सूचना 5 फरवरी को मोनालिसा की मां को बताई. फिर जब पुलिस ने निजी हॉस्पिटल और मोनालिसा की मां की कॉल डिटेल निकली तो सामने आया कि मोनालिसा का हॉस्पिटल में कोई रिकॉर्ड नहीं है. वही कॉल डिटेल में सामने आया कि आरोपी भवानी से कोई बात नहीं हुई थी.
बदले बयान और कहा- अहमदाबाद में कोरोना से मौत हुई, वहीं अंतिम संस्कार किया
पहले वाली कहानी झूठी पाई गई तो पुलिस को गुमराह करने के लिए कहा की मोनालिसा को कोरोना हो गया था. इलाज के लिए अहमदाबाद लेकर गए जहां उसकी मौत हुई और वहीं अंतिम संस्कार कर दिया. पुलिस ने अहमदाबाद हॉस्पिटल में छानबीन की तो ऐसा कुछ सामने नहीं आया. वह बात भी झूठी निकली. बयान बदलने से पुलिस को शक भवानी सिंह पर हुआ.
शक होने पर एसपी ने मनोवैज्ञानिक तरीका अपनाया
एसपी अमित कुमार ने बताया कि आरोपी का पहले ही 164 में कोर्ट ने बयाना करवा दिए थे क्योंकि इस मामले में साक्ष्य जुटना चुनौती थी और भवानी ही एक मात्र व्यक्ति था जो मौत के समय वहां था. उसी से सच्चाई सामने आ सकती थी. हमे लग गया था कि इसी ने कुछ किया है. फिर मनोवैज्ञानिक तरीका अपनाया. आरोपी से पूछा कि क्या लगता है कि इस केस को हम डिटेक्ट कर पाएंगे. वह कॉन्फिडेंस से बोला 50% लगता है कि आप मुझे फाइल में कही अटका दोंगे.
एसपी अमित कहते हैं कि वह हमेशा स्टाइलिश बनकर आता था और चश्मा पहनता था. 50% वाली बात पर एसपी अमित जब भी वह आता था तो उसके चश्मे का एक कांच फोड़ देते थे. कहते थे कि डिटेक्ट होने पर चश्मा तोड़ दूंगा. इसी तरह लंबे समय तक उससे मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की. आखिर वह हार माना और उसने सच उगल दिया. क्योंकि पुलिस के पास साक्ष्य थे जो उसकी दोनो कहानी को झूठा बताते हैं.
ऐसे की हत्या और इसलिए की हत्या
अमित कुमार बताते हैं कि आरोपी एक शादीशुदा महिला से शादी करना चाह रहा था. वहीं मोनालिसा के पास 60 लाख रुपए पड़े हुए थे, जो हड़पना चाह रहा था. यह 60 लाख रुपए जमीन सौदे में मोनालिसा को प्राप्त हुए थे. इन दोनो कारणों से आरोपी ने मोनालिसा की तकिए से दम घोंटकर हत्या कर जयपुर के श्मशान में दाह संस्कार कर दिया था. भवानी भी शादीशुदा था और दोनो परिवार की सहमति से दोनो लिव इन में रह रहे थे.
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